Diwali 2022: यूपी में दिवाली पर अलर्ट रहेगी 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा, मेडिकल इमर्जेंसी में करें डायल
डॉ. दाउद हुसामी के अनुसार, दिवाली पर पटाखों से या दीयों से जलने की दुर्घटनाएं होने का खतरा रहता है. दिवाली पर ढीले कपड़े पहनने से बचें. पटाखे छुड़ाने के दौरान पानी पास में रखें. पटाखों से जलने या अन्य कारण से जलने की स्थिति में जले हुए अंग पर सादा पानी या नल का पानी डालें. घाव को साफ रखें.
UP Medical News: दिवाली के मौके पर 108 एवं 102 एम्बुलेंस अलर्ट मोड पर रहेंगी. एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ने सभी एम्बुलेंसों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में 108 एम्बुलेंस 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगी. कोई भी व्यक्ति 108 नम्बर पर कॉल करके एम्बुलेंस सेवा का लाभ ले सकता है.
…ताकि लोगों को जल्दी सुविधा मिले
उत्तर प्रदेश में 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआईआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि दिवाली पर मरीजों को तुरंत एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अलर्ट जारी किया गया है. 108 सेवा की सभी 2200 एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए 24 घंटे तैयार रहेंगी. सभी एंबुलेंसों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए गए हैं. दिवाली पर आवश्यकता के मुताबिक पुलिस व प्रशासन के सहयोग से उन्हें ऐसी लोकेशन पर रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को जल्दी सुविधा दी जा सके.
Also Read: गाजियाबाद गैंगरेप का मामला झूठा निकला, रंजिश में महिला ने खुद ही अपने शरीर में डाली थी लोहे की रॉड
जलने पर क्या करें?
डॉ. दाउद हुसामी के अनुसार, दिवाली पर पटाखों से या दीयों से जलने की दुर्घटनाएं होने का खतरा रहता है. दिवाली पर ढीले कपड़े पहनने से बचें. पटाखे छुड़ाने के दौरान पानी पास में रखें. पटाखों से जलने या अन्य कारण से जलने की स्थिति में जले हुए अंग पर सादा पानी या नल का पानी डालें. घाव को साफ रखें. किसी साफ कपड़े से जले हुए अंग को कवर करें. जले हुए अंग पर कोलगेट, हल्दी, नमक या अन्य किसी भी वस्तु का लेप न करें. 108 एम्बुलेंस को कॉल करें और अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाएं.
कब डायल करें 108 नंबर?
-
पटाखे से या अन्य कारण से जलने पर,
-
रोड एक्सीडेंट या किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना होने पर
-
दिल का दौरा या हार्ट अटैक होने पर
-
तेज पेट दर्द, सांस में तकलीफ होने पर
-
अचानक बेहोश होने पर, बुखार होने पर
-
जानवरों के काटने पर
-
कहीं आग लगी हो और फायर बिग्रेड व एम्बुलेंस की आवश्यक्ता हो
-
उपरोक्त के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की इमरजेंसी होने पर