UP के 12 जिलों में बीते 7 दिनों में 109 ने हादसों में गंवाई जान, कोई तेज रफ्तार तो कोई शराब का हुआ श‍िकार

कानपुर और कानपुर आउटर को मिलाकर बीते सप्ताह 34 लोगों की जान सड़क हादसे में गई है. इसमें साढ़ क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से 26 और चकेरी में सड़क हादसे में 5 लोगों ने अपनी जान गंवाई. निराला नगर में एक युवक की मौत हुई है. वहीं, उन्नाव जिला भी हादसों के मामले में दूसरे नम्बर पर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 7, 2022 7:44 PM

Accidents In UP: उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के लिए बीता सप्ताह बहुत भारी रहा. बीते सप्ताह में सड़क हादसों में 100 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी. हादसों के कारण अलग-अलग रहे. सड़कें खराब हैं तो कहीं स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही. कहीं रफ्तार तो कहीं शराब का सेवन प्रमुख कारणों में से एक रहा है.

पहले नंबर पर कानपुर तो दूसरे में उन्नाव

कानपुर और कानपुर आउटर को मिलाकर बीते सप्ताह 34 लोगों की जान सड़क हादसे में गई है. इसमें साढ़ क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से 26 और चकेरी में सड़क हादसे में 5 लोगों ने अपनी जान गंवाई. निराला नगर में एक युवक की मौत हुई है. वहीं, उन्नाव जिला भी हादसों के मामले में दूसरे नम्बर पर रहा है. यहां पर एक सप्ताह में 15 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है.

सड़क, तेज रफ्तार और शराब बनी हादसे का कारण

कानपुर आउटर में 1 अक्टूबर की रात को सड़क के गड्ढे और शराब ने 26 लोगों की जान का मुख्य कारण रहा है. वहीं, उसी घटना के कुछ देर बाद हुए चकेरी अहिरवां हादसे में स्ट्रीट लाइट न जलने के कारण ट्रक ने पांच को रौंद दिया था जिनकी मौके पर मौत हो गई. वहीं, दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. इटावा में दोनों हादसे हाईवे के थे जहां पर तेज रफ्तार ही कारण रही. कानपुर देहात में खराब सड़कों और तेज रफ्तार के कारण लोगों ने अपनी जान गंवा दी.

इन जिलों में हादसे से हुई मौत

पिछले सात दिनों में उरई में 5, इटावा में 2, कन्नौज में 7, बांदा में 10, फर्रुखाबाद में 2, महोबा में 4, औरैया में 8, हरदोई में 6, हमीरपुर में 9, कानपुर देहात में 9 लोगों और कानपुर नगर और आउटर में 34 लोगों की जान चली गई.

NCRB के मुताबिक साल 2021 में कानपुर टॉप पर

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा हादसे कानपुर में हुए हैं. कानपुर में कुल 593 हादसे हुए और 593 लोगों की मौत और 299 घायल हुए हैं. इसी तरह औरंगाबाद में 478 हादसे हुए 201 लोगों की मौत एवं 201 लोग घायल हो गए. फरीदाबाद में 538 हादसे हुए. इनमें 244 लोग की मौत हुई और 423 लोग घायल हो गए. गाजियाबाद में 296 हादसों में 129 की मौत और 219 घायल हो गए. मेरठ में 348 हादसों में 141 की मौत और 238 लोग घायल हुए.

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