प्रयागराज में 3 दिनों तक बेटी के शव को जिंंदा करने की परिजन करते रहे कोशिश, खौफनाक मंजर देख सहमी पुलिस
बेटी का शव घर में रख उसे जिंदा करने की कोशिश करने की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. मंगलवार की देर शाम ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह घर का दरवाजा खुलवाया. अंदर का नजारा देखकर सबकी रूह कांप गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अजीब घटना सामने आई है. बेटी के शव को 3 दिनों तक घर में रखकर उसे जिंदा करने की कोशिश की जा रही थी. घटना जनपद के करछना इलाके के डीहा गांव का है. जहां परिवार के लोगों ने अपनी 18 वर्षीय बेटी की लाश केवल इस अंधविश्वास में 3 दिन तक घर में बंद रखी कि तंत्र-मंत्र के माध्यम से उसे दोबारा जिंदा कर लेंगे.
‘परिजनों की मानसिक हालत ठीक नहीं’
बेटी का शव घर में रखकर उसे जिंदा करने की कोशिश करने की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. मंगलवार की देर शाम ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह घर का दरवाजा खुलवाया. अंदर का नजारा देखकर सबकी रूह कांप गई. फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अब परिजनों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस के रोकने पर परिवार ने विरोध करना शुरू किया .मगर पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया. पुलिस के मुताबिक परिजनों की मानसिक हालत ठीक नहीं है.
लाश के चारों ओर एकत्र थे परिजन
करछना थानाक्षेत्र के डीहा गांव में अभयराज यादव अपने परिवार के साथ रहते हैं. सूत्रों की मानें तो अभयराज की बेटी 18 वर्षीय दीपिका की मौत 3 दिन पहले ही संदिग्ध परिस्थितियों में हो चुकी थी. 3 दिन तक परिवार वालों ने दीपिका का अंतिम संस्कार नहीं किया. ग्रामीणों को पता चला कि घर के अंदर ही तंत्र-मंत्र के जरिये परिजन अपनी बेटी को जिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं. यह सूचना पुलिस को दी गई. जब करछना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां का मंजर डरावना था. शव को फर्श पर लिटाकर झाड़-फूंक की जा रही थी.
घर में 11 सदस्य मिले बीमार
पुलिस के मुताबिक, भीतर जाने पर घर में 11 अन्य सदस्य भी बीमार मिले. इनमें से एक की हालत गंभीर है. पूछताछ में पता चला कि घर में कई-कई दिनों तक खाना नहीं बनता था. परिजन सिर्फ गंगाजल पीते थे. पुलिस ने सभी को अस्पताल भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक, डीहा गांव निवासी अभयराज यादव प्राइवेट नौकरी करता था. कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी छूटने पर वह घर पर ही रहने लगा था. उसकी पांच बेटियां और तीन बेटे हैं. चार बेटियों की शादी हो चुकी है और एक को छोड़कर तीन बेटियां इन दिनों मायके में ही थीं.