विरोधियों ने अमित शाह को गिरफ्तार करने, उप्र में पाबंदी लगाने की मांग की

नयी दिल्ली..(लखनऊ): भाजपा के विरोधी दलों ने नरेन्द्र मोदी के निकट सहयोगी अमित शाह के विवादास्पद बयान को लेकर उनकी तत्काल गिरफ्तारी और उत्तर प्रदेश में उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है. शाह आजमगढ को ‘‘आतंकियों का गढ’’ बताया था. बसपा प्रमुख मायावती ने लखनउ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2014 11:29 AM

नयी दिल्ली..(लखनऊ): भाजपा के विरोधी दलों ने नरेन्द्र मोदी के निकट सहयोगी अमित शाह के विवादास्पद बयान को लेकर उनकी तत्काल गिरफ्तारी और उत्तर प्रदेश में उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है. शाह आजमगढ को ‘‘आतंकियों का गढ’’ बताया था.

बसपा प्रमुख मायावती ने लखनउ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है तथा इससे आजमगढ एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड सकती है. गुजरात को भी सांप्रदायिकता और अपराध का ठिकाना कहा जा सकता है. मैं चुनाव आयोग से मांग करती हूं कि शाह पर उत्तर प्रदेश में फिर से पाबंदी लगाए.’’ उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर आजमगढ जिले के कुछ लोगों ने गलत किया है तो इसका मतलब यह नहीं कि वहां के सभी लोग आतंकवादी हैं.कांग्रेस नेता मीम अफजल ने सहारनपुर के कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद की तरह शाह को भी तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग को शाह के खिलाफ सिर्फ प्राथमिकी ही नहीं दर्ज करनी चाहिए, बल्कि उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश देना चाहिए.’’ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मोदी..अमित शाह वापस विकास से सांप्रदायिक चुनाव प्रचार पर उतर आए हैं. वह मोदासा बम विस्फोट में संघ के कार्यकर्ताओं के शामिल होने को भूल गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदासा गुजरात में है. आजमगढ हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है. यहां 1947 और 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कोई दंगे नहीं हुए. मैं आजमगढ से जुडी अमित शाह की टिप्पणी की कडी निंदा करता हूं. चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.’’ समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता कमाल फारुकी ने आतंकवाद के साथ किसी जगह या समुदाय को जोडने के लिए शाह की टिप्पणी की निंदा की.

फारुकी ने कहा, ‘‘किसी जगह या समुदाय को आतंकवाद के लिए बदनाम करना बहुत निंदनीय है. अमित शाह अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगा पा रहे. वह पहले से ही चुनाव आयोग की नाराजगी का सामना कर रहे हैं. चुनाव अगले 10-12 दिनों में खत्म हो जाएंगे लेकिन लोगों के दिलों में नफरत बढायी जा रही है.’’उत्तरप्रदेश के लिए भाजपा के लिए प्रभारी शाह ने कल कहा था कि आजमगढ आतंकवादियों का गढ है क्योंकि वहां राज्य सरकार का कोई भय नहीं है जो उनकी रिहाई की वकालत कर रही है. उन्होंने साथ ही कहा था कि गुजरात बम विस्फोट मामलों के आरोपी आजमगढ के रहने वाले हैं.

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