मोदी, मुलायम, राहुल और अखिलेश का रोड शो

।।राजेन्द्र कुमार।। वाराणसीः चुनाव प्रचार के अन्तिम दिन शनिवार को नरेन्द्र मोदी, मुलायम सिंह यादव, राहुल गांध‍ी और अखिलेश सिंह यादव ने पूर्वांचल में चुनावी रैलियां और रोड शो कर यहां की राजनीति को गरमा दिया. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जहां आजमगढ़ में रोड शो और सभा कर अपनी ताकत दिखाई. वही कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2014 8:14 PM

।।राजेन्द्र कुमार।।

वाराणसीः चुनाव प्रचार के अन्तिम दिन शनिवार को नरेन्द्र मोदी, मुलायम सिंह यादव, राहुल गांध‍ी और अखिलेश सिंह यादव ने पूर्वांचल में चुनावी रैलियां और रोड शो कर यहां की राजनीति को गरमा दिया.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जहां आजमगढ़ में रोड शो और सभा कर अपनी ताकत दिखाई. वही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी में रोड शो कर अपनी-अपनी लोकप्रियता का अहसास कराया. इन दोनों के रोड शो में भारी संख्या में कांग्रेस और सपा के समर्थकों ने हिस्सा लिया. वही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राबर्टसगंज, पडरौना, देवरिया, कुशीनगर और बलिया में चुनावी सभा कर कांग्रेस, सपा और बसपा को ओछी राजनीति करने वाला दल बताया. मोदी के अनुसार सत्ता में आने के लिए इन दलों ने मुस्लिमों को बरगलाने का प्रयास किया.

राहुल अखिलेश का रोड शो

चुनावी उत्साह में डूबी काशी (वाराणसी) शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री जनता से रूबरू हुए. इन दोनों ने यहां रोड शो कर नरेन्द्र मोदी को चुनौती दी. इन नेताओं के रोड शो के चलते समूचा वाराणसी आज जाम का शिकार हुआ. हालांकि राहुल और अखिलेश के रोड शो में उतनी भीड़ नहीं हुई जितनी बीते गुरूवार को यहां हुए नरेन्द्र मोदी के रोड शो में हुई थी. काशी निवासी शरद शर्मा कहते हैं कि गुरुवार को नरेंद्र मोदी के रोड शो की वजह से चार घंटे तक बनारस की मुख्य सड़कें जाम थीं. लोगों में उत्साह चरम पर था. पर उसके बाद हुए राहुल और अखिलेश के रोड शो को लेकर शहर के लोगों ने वैसा उत्साह नहीं दिखाया. फिर भी इन नेताओं के रोड शो में काफी भीड़ हुई जिससे देखकर लगता है कि अब आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का खेल यहां खत्म हो गया है. वह अब कांग्रेस और सपा के उम्मीदवारों से पीछे हो जाएंगे. शरद शर्मा के इस तर्क में कितना दम है यह तो अब 16 मई को पता चलेगा. परन्तु इतना तय है कि कांग्रेस और सपा के उम्मीदवारों को राहुल और अखिलेश के रोड शो का लाभ मिलेगा.

राहुल का रोड शो शनिवार को सुबह आठ बजे वाराणसी में गोलगड्डा से शुरू हुआ और लंका गेट पर जाकर करीब साढ़े चार घंटे बाद खत्म हुआ. रोड शो के दौरान राहुल खुले ट्रक पर सवार हुए और उन्होंने अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. राहुल के स्वागत के लिए जगह-जगह कांग्रेसी समर्थकों की भारी भीड़ जुटी. लंका पहुंचकर राहुल ने मालवीय की मूर्ति पर माल्यार्पण किया पर समीप में ही स्थिति अपने पिता राजीव गांधी की प्रतिमा पर वह माल्यार्पण करने नहीं गए. राहुल की यह चूक काशीवासियों को अखरी. राहुल के इस रोड शो में उनके अलावा फिल्म अभिनेता राजबब्बर, केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और राशिद अल्वी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

हिम्मत हो तो मोदी भी बाप-बेटे की सरकार बनाकर दिखाए

राहुल गांधी का रोड शो खत्म होने के कुछ देर बाद ही यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मलदहिया चौराहे से अपना रोड शो शुरू किया और चर्च गेट चौराहे पर इसे समाप्त किया. यही से गुरूवार को नरेन्द्र मोदी ने भी अपना रोड शो शुरू किया था. मलदहिया से चर्च गेट तक के रास्ते के दोनों तरह खड़े लोगों ने अखिलेश पर फूल बरसा कर उनके साथ होने का संकेत किया. इस स्वागत से उत्साहित अखिलेश ने चर्च गेट पर सभा कर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और बसपा प्रमुख मायावती पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी अपनी सभाओं में कहते हैं कि यूपी में बाप-बेटे की सरकार चल रही है. उनके इस आरोप पर मैं क्या कहूं. यही कह सकता हूं कि यदि मोदी में दम है तो वह भी बाप-बेटे की सरकार बनाकर दिखाएं. मुख्यमंत्री के अनुसार मोदी का गुजरात माडल सिर्फ देश को बांटने का माडल है. बसपा प्रमुख मायावती को लेकर अखिलेश ने कहा कि वह कहती हैं कि यदि बाबा साहब ना होते हम लोग गाय भैस चरा रहे होते. मुझे लगता है कि मायावती दूध के कारोबार को लेकर कुछ नहीं जानती. दूध की हर जगह महत्ता है. वाराणसी में रबड़ी से लेकर ठंडाई रोज दूध से ही बन रही है और इस कारोबार में लगे तथा दूध पीने वाले ही वाराणसी में नरेन्द्र मोदी और बसपा को रोकेंगे. मुख्यमंत्री का यह कथन काशीवासियों को भाया और उन्होंने बड़ी देर तक उनकी जिन्दाबाद के नारे लगाकर यह जताया भी.

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