लखनऊ:लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) उन जिले के लोगों से ‘खुन्नस’ निकाल रही है, जहां उसके प्रत्याशियों को जीत नहीं मिली. जी हां, सरकार ने उन जिलों की बिजली में बेतहासा कटौती शुरू कर दी है. वहीं, उन जिलों में अबाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जहां से सपा प्रत्याशी जीते हैं.
हाल के दिनों तक राजधानी लखनऊ से 275 किमी दूर स्थित आजमगढ़ में हर दिन 10-12 घंटे बिजली कटौती होती थी. आजकल यहां निर्बाध रूप से बिजली आती है. हाल में संपन्न आम चुनाव में यहां से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भाजपा के रमाकांत यादव को 62 हजार से कुछ अधिक मतों के अंतर से हराया था. बिजली कटौती की वजह से पिछले कुछ दिनों में बिजली कर्मियों पर हमले और उन्हें बंधक बनाने की कई घटनाएं सामने आयी हैं.
सूत्र बताते हैं कि कुछ वीआइपी जिलों को छोड़ दें, तो गांवों में महज छह से सात घंटे बिजली आती है. जिन जिलों में अबाध बिजली आपूर्ति होती है, उनमें मुलायम का गृह जिला इटावा, उनका संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ और मैनपुरी, अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के संसदीय सीट कन्नौज शामिल हैं. यहां तक कि वाराणसी, जहां से प्रधानमंत्री नियुक्त नरेंद्र मोदी जीते हैं, को भी 10-12 घंटे ही बिजली मिल रही है. इस संबंध में पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने यहां तक कह दिया कि वोट भाजपा को देंगे, तो बिजली सपा सरकार से क्यों मांगते हैं. दूसरी तरफ, मध्यप्रदेश के गुना और छिंदवाड़ा में भी यही स्थिति है. यहां के लोगों को भी भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है.