मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: जानें कैसे पिस्टल पहुंचा जेल के अंदर
लखनऊ : बागपत जिला जेल में सुनील राठी की तूती बोलती थी. उसे जेल का खाना रास नहीं आता था और वह बाहर से खाना मंगवाता था. यही वजह थी कि वह अपनी प्लानिंग में सफल रहा. बागपत जेल में वारदात को अंजाम देने के बाद राठी ने अपने कपड़े भी धुलवा लिये थे. मुन्ना […]
लखनऊ : बागपत जिला जेल में सुनील राठी की तूती बोलती थी. उसे जेल का खाना रास नहीं आता था और वह बाहर से खाना मंगवाता था. यही वजह थी कि वह अपनी प्लानिंग में सफल रहा. बागपत जेल में वारदात को अंजाम देने के बाद राठी ने अपने कपड़े भी धुलवा लिये थे. मुन्ना बजरंगी की हत्या करने के बाद सुबूत मिटाने के लिए सुनील राठी ने स्नान किया. इसके पीछे की वजह बतायी जा रही है कि स्नान राठी ने इसलिए किया ताकि उसके हाथ से गन पाउडर के फोरेंसिक साक्ष्य न जुटाये जा सकें.
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राठी ने पूरी वारदात को कदम-दर-कदम प्लान करने का काम किया. जानकारी के अनुसार प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के दौरान राठी के साथ उसके तीन और साथी भी मौजूद थे. जेल के अंदर पिस्टल उसे टिफिन के जरिये पहुंचाई गयी थी. बागपत जेल में राठी ने सीसीटीवी कैमरे न होने का फायदा उठाया और हत्याकांड को काफी सफाई से अंजाम दिया. राठी के लिए बाहर से टिफिन व अक्सर ही स्पेशल खाना जेल के बाहर से आता था.
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आने पर माना जा रहा है कि टिफिन के जरिये पिस्टल जेल के भीतर पहुंचाई गयी थी. टुकड़ों में पिस्टल व मैग्जीन को पहुंचाया गया होगा. सूत्रों की मानें तो मुन्ना बजरंगी की हत्या से दो-तीन दिन पहले ही पिस्टल व कारतूस उस तक पहुंच गयी थी. खबरों के अनुसार बागपत जेल में राठी से मिलने आने वाले उसके खास लोगों की जेल रजिस्टर में एंट्री तक नहीं की जाती थी.
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कहने को भले ही वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है लेकिन राठी तन्हाई बैरक में बंद है, पर उसका कंट्रोल जेल के हर हिस्से में उतना ही था, जितना अपनी बैरक में था. खबरें तो यह भी है कि बीते एक महीने के भीतर पूर्वाचल के एक बाहुबली और पूर्व सांसद भी बागपत जेल में राठी से मिलने पहुंचे थे.