वृंदावन : बिहार के मुजफ्फरपुर और देश के कुछ अन्य स्थानों पर बालिका गृहों में यौन शोषण की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनके राज्य के किसी भी आश्रय गृह में गलत गतिविधि नहीं हो सकती.
उन्होंने वृंदावन में विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए बने विशाल आश्रय गृह ‘कृष्ण कुटीर’ उद्घाटन के मौके पर यह भी कहा कि राज्य सरकार लखनऊ और वाराणसी में महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की खातिर आश्रय स्थल बनाने के लिए जमीन का आवंटन करेगी.
आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश में किसी भी आश्रय स्थल में कोई गलत गतिविधि नहीं हो सकती. सुरक्षा और सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जो भी कदम उठाने की जरूरत पड़ेगी वो उठाया जाएगा.
बजट की भी कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. बेसहारा और बुजुर्ग महिलाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, घर से बिछड़ना दुखदायक होता है लेकिन ऐसी महिलाएं बड़ी संख्या में हैं जो पारिवारिक परिस्थिति या ईश्वर आराधना में लीन होने की वजह से अपना जीवन खपा देती हैं.
उन्होंने कहा, ऐसी महिलाओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि समाज का नजरिया बदल जाता है. बेसहारा महिलाओं के प्रति अपने नजरिये को बदले. मुख्यमंत्री ने कहा, लड़कियों को उचित अवसर मिले तो उनकी प्रतिभा का लाभ पूरे समाज को मिलता है.
भेदभाव के बिना अवसर मिलता तो वो कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकती हैं. महिलाओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, बेसहारा महिलाओं के लिए पेंशन के लिए 60 साल की न्यूनतम समयसीमा को खत्म किया है.
महिला हेल्पलाइन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 हेल्पलाइन चल रही है. उसी तरह केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्रालय की से चलाई जा रही हेल्पलाइन 181 की भी सुविधा हर जिले में है.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मथुरा-वृंदावन के विकास पर पूरा ध्यान दे रही है और कई विकास परियोजनाएं शुरू की है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘कृष्ण कुटीर’ का उद्घाटन किया.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ‘स्वाधार गृह’ योजना के तहत वृंदावन में बनाये गये ‘कृष्णा कुटीर’ में लगभग एक हजार विधवाएं रह सकेंगी. इसका निर्माण एनबीसीसी के द्वारा 1.4 हेक्टेयर के क्षेत्र में किया गया है और इस पर 57 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस चार मंजिला इमारत को बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसमें कौशल-सह-प्रशिक्षण केंद्र भी होगा.