मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दो अज्ञात हमलावरों ने आज एक स्थानीय भाजपा नेता की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी जब वह सुबह की सैर के लिए निकले थे. राज्य में पिछले चार दिनों में यह भाजपा के दूसरे नेता की हत्या है. इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और अखिलेश यादव सरकार पर उत्तर प्रदेश में हो रही ‘‘राजनीतिक हत्याओं ’’ को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.
सेवानिवृत्त थलसैनिक ओम वीर सिंह ‘फौजी’ मीरापुर कस्बे में भाजपा के उपाध्यक्ष थे.पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ओम वीर सुबह की सैर के लिए निकले थे तभी करीब 7:00 बजे मोंटी क्रॉसरोड पर दो हमलावरों ने देसी पिस्तौलों से उन्हें कई गोलियां मारीं जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गए और फिर दम तोड दिया. पुलिस ने बताया कि 47 साल के ओम वीर ने भी अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली चलाई जिससे एक हमलावर जख्मी हो गया. भाजपा नेता का रिवॉल्वर लेकर दोनों अपराधी भाग गए.
ओम वीर के शव को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेजा गया है. इस घटना के बाद ओम वीर के परिजन और भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और रोड जाम कर दिया. मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच तेजी से की जाएगी. यह घटना उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनउ में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए आला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. बदायूं सामूहिक बलात्कार कांड और गुरुवार को ग्रेटर नोएडा के दादरी में भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या के बाद सपा सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं.
पंडित के परिवार ने राजनीतिक बदले का आरोप लगाया और सपा के एक नेता की तरफ हत्या में शामिल होने का इशारा किया. हालांकि, सपा नेता ने अपने उपर लगे आरोपों को नकारा है. बहरहाल, भाजपा ने बैठक को ढकोसला करार दिया और कहा कि बेहतर होता यदि मुख्यमंत्री अपनी पार्टी और संगठन की समीक्षा करते जिसके कार्यकर्ता ‘‘कानून-व्यवस्था के लिए बडी चुनौती’’ बने हुए हैं.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जिस दिन सरकार कानून-व्यवस्था में सुधार का दावा कर रही थी, उसी दिन अपराधियों ने मुजफ्फरनगर में ओम वीर सिंह की हत्या कर अपनी ताकत का एहसास करा दिया. ओम वीर के हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए पाठक ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में राजनीतिक कत्लों का दौर शुरु हो चुका है जो खतरनाक है.’’ हत्या के बाद कायम हुए तनाव के कारण सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में स्थित मुजफ्फरनगर संवेदनशील जिला है जहां पिछले साल सितंबर में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे.