चार सौ साल बाद इलाहाबाद जिला अब फिर से कहलायेगा प्रयागराज, शहर का नाम बदलने को योगी कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ : संगम नगरी इलाहाबाद अब प्रयागराज के नाम से जानी जायेगी. इस तरह करीब चार सौ साल बाद जिले का नाम प्रयागराज होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया. बैठक के बाद […]
लखनऊ : संगम नगरी इलाहाबाद अब प्रयागराज के नाम से जानी जायेगी. इस तरह करीब चार सौ साल बाद जिले का नाम प्रयागराज होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया.
बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाये. ऋगवेद, महाभारत व रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है. नाम बदलने की मांग अरसे से चल रही थी. राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जतायी थी.
दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए .सभी साधु -संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी. इलाहाबाद में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था.
भाजपा ने किया स्वागत
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा कि अकबर ने करीब 400 साल पूर्व प्रयागराज का नाम बदल कर इलाहाबाद किया था. उस भूल को आज सुधारने का काम भाजपा सरकार ने किया है. विपक्ष के विरोध पर कहा कि जिस मानसिकता से अकबर ने नाम बदला था, उसी मानसिकता वाले आज फिर विरोध कर रहे हैं.
विपक्ष का विरोध
अखिलेश यादव ने कहा कि ये लोग पुन: नामकरण कर ही अपना कार्य दिखाना चाहते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहा जिस क्षेत्र में कुंभ होता है, उसे प्रयागराज ही कहा जाता है. सरकार इतनी ही उतावली है तो एक अलग नगर बसा सकती है, लेकिन नाम नहीं बदला जाना चाहिए.
इससे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला
राज्य में नामों की राजनीति काफी समय से चलती आ रही है. अभी कुछ समय पहले ही योगी सरकार ने ऐतिहासिक मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल कर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा था. अब शहर का नाम ही बदला गया है. इसके अलावा भी कई योजनाओं और स्थानों का नाम बदला जा चुका है.
अकबर ने बदला था शहर का नाम!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुराणों में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज ही था, लेकिन अकबर के शासनकाल में इसे बदलकर इलाहाबाद कर दिया गया था. इतिहासकार बताते हैं कि अकबरनामा व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से पता चलता है कि अकबर ने सन् 1574-75 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखी थी.
अब आगे क्या
शहर का नाम बदलने के साथ ही जिन संस्थाओं के नाम में इलाहाबाद लगा है. उनका नाम भी बदल सकता है. मसलन इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद हाइकोर्ट व अन्य संस्थाओं को नाम बदलने के लिए राज्य सरकार पत्र लिखेगी.