हर मसले पर यूपी में हो रही सियासत

-राजेन्द्र कुमार- राजनीति में सब कुछ संभव है. जो नेता एक दूसरे का विरोध करते हैं, वही पल्टी खाते हुए एक दूसरे के साथ खड़े दिखायी देते हैं. ऐसी राजनीति में माहिर यूपी के नेता अब जनता के मसलों पर भी सियासत करने लगे है. बीते 48 घंटों के दौरान यूपी में नेताओं का यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2014 6:54 PM

-राजेन्द्र कुमार-

राजनीति में सब कुछ संभव है. जो नेता एक दूसरे का विरोध करते हैं, वही पल्टी खाते हुए एक दूसरे के साथ खड़े दिखायी देते हैं. ऐसी राजनीति में माहिर यूपी के नेता अब जनता के मसलों पर भी सियासत करने लगे है. बीते 48 घंटों के दौरान यूपी में नेताओं का यह रूप खुलकर दिखा. जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी की खराब कानून और ‍व्यवस्था और बिजली कटौती से जूझ रही जनता को लेकर चुप्पी साध ली. इसके बदले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी पट्रोल व डीजल की कीमतों में इजाफे को लेकर पत्रकारों के सवाल का उत्तर नहीं दिया.

भाजपा और सपा के बड़े नेताओं के इस व्यवहार को लेकर तमाम राजनेता अचम्भे में हैं. वह समझ नहीं पर रहे हैं कि जिस अखिलेश सरकार की पुलिस ने सोमवार को विधान भवन के ठीक सामने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठी भांजी. फिर यूपी भाजपा के जिन नेताओं ने इसका विरोध करते हुए सदन की कार्रवाई ठप्प करा दी और धरने पर बैठ गए, वह क्यों सदन की कार्रवाई स्थगित होते ही अखिलेश सरकार के मंत्रियों के साथ भाजपा नेता हंसी मजाक करते हुए सदन के बाहर आए. वह भी तक जबकिभाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में मौजूद थे, पर उन्होंने ने भी भाजयुमो के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की.

भाजपा नेताओं के इस रूख को देख बसपा विधानमंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा और सपा पर अंदर खाने में मिले होने का आरोप लगाया हैं. उनके मुताबिक भाजपा और सपा एक दूसरे का दिखावटी विरोध करते हैं और जनता की समस्याओं की इन्हें फिक्र नहीं है. माकपा नेता सुभाषनी अली भी भाजपा नेताओं पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाती हैं . भाकपा नेता अशोक मिश्र भी यही मानते हैं कि भाजपा नेता जनता को गुमराह कर रहे हैं. रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान कहते हैं कि जनता की समस्याओं को उठाते हुए मिठाई खाने के शौकीन भाजपा नेताओं ने जनता के साथ छल किया है और जनता इसका सबक उन्हें सिखाएगी.

भाकपा नेता अशोक मिश्र सपा पर हमलावर होते हुए दावा करते हैं कि अखिलेश सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध दिखावटी था. मिश्र के मुताबिक जो नेता जनता के सवाल पर सड़क पर विरोध जताते हैं, वह पुलिस के लाठीचार्ज से घबराते हुए विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करते, बल्कि जनता की समस्या का हल सरकार के करवाने के बाद धरना या विरोध प्रदर्शन खत्म करते हैं. भाजपा नेताओं ने ऐसा नहीं किया, जाहिर है उनकी मंशा बिजली की समस्या का निदान करना नहीं था, बल्कि सूबे की सरकार पर अपना दबाव बनाने का था. इसी लिए भाजयुमो कायोकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विरोध नहीं किया.

जब पत्रकारों ने इस मामले को लेकर यूपी की कानून व्यवस्था पर उनसे सवाल किया तो राजनाथ सिंह ने कहा कि छोड़िए इसे, कुछ और पूछिए. राजनाथ के इस रूख का ही असर है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में हुए इजाफे पर कोई टिप्पणी नहीं की. जिसे लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यूपी में अब जनता के मसलों को लेकर सपा और भाजपा के नेता सियासत करने में जुटे हैं. वही प्रदेश की जनता बिजली कटौती से त्रस्त है, पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी की परेशान जनता की समस्याओं का निदान नहीं कर रहे हैं.

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