14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऐसा सीएम जो चाय नाश्ते का बिल भी अपनी जेब से भरता था, जानें

उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे पंडित गोविंद बल्लभ पंत. अल्मोड़ा में जन्मे थे, मगर महाराष्ट्र मूल के थे. पेशे से वकील थे. इनके बारे में प्रसिद्ध था कि झूठ बोलने पर वह केस छोड़ देते थे. वर्ष 1921 में लेजिस्लेटिव असेंबली में चुने गये. नमक आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जेल […]

उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे पंडित गोविंद बल्लभ पंत. अल्मोड़ा में जन्मे थे, मगर महाराष्ट्र मूल के थे. पेशे से वकील थे. इनके बारे में प्रसिद्ध था कि झूठ बोलने पर वह केस छोड़ देते थे. वर्ष 1921 में लेजिस्लेटिव असेंबली में चुने गये. नमक आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जेल तक गये.
ब्रिटिश भारत में 1937 में यूपी (तब संयुक्त प्रांत) के मुख्यमंत्री बने. आजादी के बाद संविधान बना, तो संयुक्त प्रांत का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश कर दिया गया. पंत सर्वसम्मति से फिर यूपी के सीएम चुने गये. वे 26 जनवरी 1950 से 27 दिसंबर 1954 तक मुख्यमंत्री रहे. वह सरकारी पैसे के सही इस्तेमाल को लेकर बेहद सजग थे. एक बार सरकारी बैठक में चाय-नाश्ते का इंतजाम किया गया था. जब बिल पास होने के लिए पंत के पास आया, तो उसमें 6 रुपये 12 आने लिखे थे. पंत ने यह कह कर बिल पास करने से मना कर दिया कि सरकारी बैठकों में सरकारी खर्च से केवल चाय मंगवाने का नियम है.
नाश्ते का बिल नाश्ता मंगाने वाले को अदा करना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि कभी-कभी चाय के साथ नाश्ता मंगाया जा सकता है. इस पर पंत ने अपनी जेब से रुपये निकाले और कहा कि चाय का बिल पास हो सकता है, नाश्ते का नहीं. नाश्ते का बिल मैं खुद अदा करूंगा. इस खर्च को मैं सरकारी खजाने से चुकाने की इजाजत नहीं दे सकता. सरकारी खजाने पर जनता का हक है, मंत्रियों का नहीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें