पढ़ें रवि किशन का पूरा इंटरव्‍यू : राजनीति नाच नचा देगी, सीधा और सरल रहना है

उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार और अभिनेता रवि किशन इनदिनों प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. गोरखपुर में रवि किशन का मुकाबला कांग्रेस के मधुसूदन तिवारी और समाजवादी पार्टी के राम भूवल निषाद से होगा. 2014 की हार को भुला चुके रवि किशन इस बार जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2019 10:49 AM

उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार और अभिनेता रवि किशन इनदिनों प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. गोरखपुर में रवि किशन का मुकाबला कांग्रेस के मधुसूदन तिवारी और समाजवादी पार्टी के राम भूवल निषाद से होगा. 2014 की हार को भुला चुके रवि किशन इस बार जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. प्रभात खबर डॉट कॉम ने अपनी चुनावी यात्रा में रवि किशन से बात की. संवाददाता पंकज कुमार पाठक ने रवि किशन से खास बातचीत की.

कई भोजपुरी स्‍टार्स चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में भोजपुरी सिनेमा अकेली नहीं रह जायेगी ?

नहीं, ऐसा नहीं है. सेवा भी करनी है. यहां हम अपना स्‍टूडियो बना रहे हैं. जीतने के बाद यहां शूटिंग भी चलेगी और लोगों की सेवा भी करेंगे. लोगों को रोजगार भी मिलेगा और मैं जनता के बीच भी रहूंगा.

आप जौनपुर से भी चुनाव लड़े थे, वो अनुभव कुछ काम आ रहा है ?

वो अच्‍छा अनुभव नहीं था, हम उसे भूल चुके हैं, चूंकि वहां अकेले लड़ रहे थे, यहां संगठन लड़ रहा है. यहां हर चीज व्‍यवस्‍थित है और योजना के तहत काम होता है. वहां तो हम खुद तख्‍ती-बैनर लगाते थे. खुद ही झंडा लेकर दौड़ते थे. हम संगठन के साथ है. यह देश की सबसे बड़ी पार्टी है.

लोग पूछ रहे हैं कि चुनाव के बाद आप यहां रहेंगे या शूटिंग के लिए कर्नाटक चले जायेंगे ?

हमने यहीं घर ले लिया है. यहीं शूटिंग करेंगे और लोगों की सेवा भी करेंगे.

बिहार-झारखंड के लोग आपको बेहद पसंद करते हैं, उनके लिए क्या कहना चाहेंगे ?

सभी लोग बहुत प्‍यार करते हैं. मैं सबका बड़ा भाई हूं. भोजपुरी इंडस्‍ट्री के लिए लड़ाई लड़ी. 300 फिल्‍में की. सभी लोग अच्‍छी तरह से जानते हैं.

राजनीति की भाषा समझना कितनी मुश्किल है ?

सरल रहना, सच्‍चा रहना, सीधा रहना, काम करना, कथनी और करनी में अंतर करना, यही सब है. राजनीति खुद ही आपको नाच नचा देगी, बहुत कुछ सीखा देगी. राजनीति में राजनीति नहीं करनी चाहिये.

आपको भोजपुरी का अमिताभ बच्‍चन कहा जाता है. राजनीति में उनका अनुभव अच्‍छा नहीं रहा. क्‍या कहना चाहेंगे ?

सेवाभाव से आये हैं. सेवा करना मेरी माटी में है. यहां मेरा पैतृक स्‍थान है. यहां कई फिल्‍मों की शूटिंग की है. भोजपुरिया बेल्‍ट है पूरा, मेरा पूरा समाज है यहां. इनकी सेवा करना, इनकी आवाज बनकर पार्लियामेंट में गूंजना, यही मेरा मकसद है.

राम भूवल निषाद मैदान में हैं, निषाद वोट बैंक ज्‍यादा है, इस समीकरण को कैसे देखते हैं ?

पूज्‍य योगी जी के काम इतने अच्‍छे हैं. उनका कार्य बोल रहा है. मोदी जी का कार्य बोल रहा है. कार्य के सामने टक्‍कर किसी की नहीं होती. सबको पता चल गया है डेढ़ साल में यहां कितना काम हुआ है. पूरे निषाद समाज ने यह मन बना लिया है, पूरी बिरादरी वोट कर रही है और मोदी जी को जीता रही है.

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