अलीगढ़ (उप्र) : टप्पल में ढाई साल की मासूम बच्ची की नृशंस हत्या के मामले की जांच चल रही है और पुलिस सभी संदिग्धों के फोन रिकार्ड खंगाल रही है. जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने शनिवार को बताया कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ मजबूत मामला बना रही है, ताकि यह सभी कानूनी प्रक्रियाओं पर खरा उतरे और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए तेजी से न्याय सुनिश्चित हो सके. सभी संदिग्धों के फोन रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं. कुलहरि शुक्रवार देर रात तक घटनास्थल पर मौजूद थे.
उन्होंने चेताया कि अगर कोई अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है या शांति भंग का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
कुलहरि ने पुष्टि की कि जो दो लोग पकडे़ गये हैं, उनमें से एक की उम्र लगभग 43 साल है और उसका आपराधिक इतिहास भी है. उसके खिलाफ गुंडा एक्ट लग चुका है और नाबालिगों के साथ यौन अपराध को लेकर दो बार कार्रवाई हुई है.
उन्होंने बताया कि उक्त आरोपी के खिलाफ पाक्सो के दो अलग-अलग मामले तथा बलात्कार का एक मामला लंबित है. दिल्ली में अपहरण के एक मामले में वह जेल गया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीन डाक्टरों के पैनल ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया. उन्हें बलात्कार का कोई साक्ष्य नहीं मिला, हालांकि फोरेंसिक विशेषज्ञ नमूनों की जांच कर रहे हैं.
इस बीच, नृशंस हत्या के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए नगर में कई जगहों पर कैंडल लाइट जुलूस निकाले गये. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने इस जघन्य हत्या की कड़ी निन्दा की है.
उन्होंने अपराध को अंजाम देने वालों को जल्द और कड़े से कड़ा दंड देने की मांग की. एएमयू शिक्षक संघ की विशेष बैठक में मांग की गयी कि फास्ट ट्रैक कोर्ट का तत्काल गठन किया जाए. एएमयू के छात्रों ने परिसर में कैंडल लाइट मार्च किया. छात्रों ने कानून में बदलाव की मांग की ताकि ऐसे अपराधियों को उसी तरह का कडा दंड मिल सके, जैसा सउदी अरब में मिलता है.
मामले में जाहिद (27) और एक अन्य को अब तक गिरफ्तार किया गया है. एसएचओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. बच्ची टप्पल कस्बे से 30 मई को गायब हुई थी. उसका शव तीन दिन बाद घर के निकट कूडे़ के ढेर पर पड़ा मिला था.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि मामला त्वरित गति से चलाया जाएगा. प्राथमिकी में पॉक्सो एक्ट भी शामिल किया जाएगा. फिलहाल बलात्कार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गये हैं.