अब मुलायम की तीसरी पीढी भी राजनीति में

IIराजेन्द्र कुमारII लखनऊः नेहरू गांधी के वंशवाद का विरोध करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपनी तीसरी पीढ़ी को भी राजनीति के मैदान में उतार दिया. सपा प्रमुख के इस फैसले के तहत अब 27वर्षीयं तेज प्रताप सिंह उर्फ तेजू मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे. यह संसदीय सीट सपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2014 5:28 PM

IIराजेन्द्र कुमारII

लखनऊः नेहरू गांधी के वंशवाद का विरोध करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपनी तीसरी पीढ़ी को भी राजनीति के मैदान में उतार दिया. सपा प्रमुख के इस फैसले के तहत अब 27वर्षीयं तेज प्रताप सिंह उर्फ तेजू मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे. यह संसदीय सीट सपा प्रमुख के इस्तीफा देने से खाली हुई है. इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइस में एमएससी कर चुके तेजू सपा प्रमुख के बड़े भाई स्व. रतन सिंह यादव के पुत्र स्व. रणवीर सिंह यादव के बेटे हैं. रतन सिंह की पिछले दिनों मृत्यु हो गई थी. तेजू को राजनीति के मैदान में उतारे जाने को भाजपा, कांग्रेस, बसपा और भाकपा ने सपा का वंशवाद बताया है.

बसपा विधानमंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं कि मुलायम सिंह के इस वंशवाद से डा. लोहिया की आत्मा को जरूर दुख हुआ होगा. मौर्या के अनुसार सपा यूपी में एक परिवार की पार्टी बन गई है और सपा को अपने अन्य नेताओं पर भरोसा नहीं रहा गया है, इसी लिए सपा प्रमुख ने अपनी तीसरी पीढ़ी पर दांव लगाया है. बसपा नेता के इस कथन पर सपा खेमे से कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई. सपा नेता तो मुलायम सिंह परिवार के देश की राजनीति में होते विस्तार को लेकर ही खुश हैं. मुलायम सिंह का ये सियासी कुनबा ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश का ऐसा राजनीतिक परिवार हो गया है जिसकी तीन पीढ़ियों के सदस्य एक साथ राजनीति के मैदान में सक्रिय हैं. यही नहीं मुलायम सिंह के सियासी कुनबे की धमक राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद में सुनायी देती है. इन सभी सदनों में मुलायम परिवार के लोग मौजूद हैं. मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख के पुत्र अखिलेश यादव विधान परिषद के सदस्य हैं. अखिलेश के चाचा प्रो. रामगोपाल यादव राज्यसभा के सदस्य हैं. अखिलेश के दूसरे चाचा और प्रदेश के लोकनिर्माण, सिंचाई और सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव विधानसभा सदस्य हैं.सपा मुखिया खुद तो लोकसभा के सदस्य हैं. उनकी बहू और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी लोकसभा सदस्य हैं. मुलायम के दो भतीजे धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव भी सांसद है.

मुलायम के भाई राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई थी. दूसरी बार 2010 में भी इसी पद पर वह चुनी गई. मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव की पत्नी सरला भी जिला सहकारी बैंक की राज्य प्रतिनिधि के रूप में 2007 के बाद लगातार दूसरी बार चुनी गई. शिवपाल के पुत्र आदित्य यादव उर्फ अंकुश उत्तर प्रदेश प्रादेशिक कोआप‍रेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष हैं. अंशुल यादव और अरविंद यादव भी राजनीति में हैं. इसके अलावा मुलायम के छोटे पुत्र प्रतीक यादव के भी जल्दी ही राजनीति के मैदान में उतारे जाने की चर्चाए हो रही है. कहा जा रहा है, प्रतीक का नाम मुलायम परिवार के राजनीति में एंट्री करने वाले 14वें सदस्य के रूप में जल्दी ही लिखा जाएगा.

ऐसी चर्चाओं के बीच सपा प्रमुख के इस विशाल सियासी कुनबे को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर आशुतोष मिश्र कहते हैं कि यदि तेज प्रताप उर्फ तेजू मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव जीत गए तो इस परिवार के नाम देश में एक अनोखा रिकार्ड दर्ज हो गया. आशुतोष के अनुसार मुलायम परिवार पांच सदस्य इस समय राज्यसभा व लोकसभा के सदस्य हैं. देश की राजनीति में यह कारनामा गांधी परिवार, कलैगनार परिवार, बादल परिवार, अब्दुला परिवार, सिंधिया परिवार और पटियाला परिवार के लोग नहीं कर सके, इन राजनीतिक परिवारों के पांच सदस्य कभी भी राज्यसभा और लोकसभा में पहुंचे. वही तेजू के मैनपुरी से चुनाव जीतने पर लोकसभा में एक ही परिवार की तीन पीढि़यों की मौजूदगी हो जाएगी और मुलायम का परिवार देश का सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे के रूप जाना जाएगा. भले ही सपा प्रमुख की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने की मंशा इस लोकसभा चुनाव में पूरी नहीं हुई.

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