उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को बागपत जिले के एक व्यक्ति को दुष्कर्म पीड़िता के घर के बाहर आपत्तिजनक और धमकी भरा पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया. पोस्टर में पीड़िता को धमकाया गया था कि वह शुक्रवार को दिल्ली की अदालत में बयान ना दे, वरना उसका भी हाल उन्नाव मामले जैसा होगा.
यह पोस्टर पाये जाने के बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की मांग की है. पीड़िता के साथ पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में मुखर्जी नगर में दुष्कर्म की वारदात हुई थी. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मंगलवार रात को पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी सोहरन सिंह उसके गांव का है.
उसने कहा कि घटना लगभग एक साल पहले हुई थी जब उसे सोहरन एक दोस्त के स्थान पर ले गया था. वहां उसे एक पेय पदार्थ में ड्रग्स दिया गया था और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. आरोपी ने इस घटना का एक वीडियो बनाया और उसका इस्तेमाल ब्लैकमेल करने और बाद में फिर से दुष्कर्म करने के लिए किया.
सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जेल भेजा था. बुधवार की देर रात सोहरन सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया और लगभग उसी समय ये पोस्टर लगा है. इसके बाद आरोपी की फिर से बदायूं में गिरफ्तारी हुई और पोस्टर की जांच का भी आदेश दिया गया है. हालांकि, आरोपी व्यक्तिका कहना है कि गांव में कुछ लोगों ने उसे फंसाने कीनीयत से यह पोस्टर लगाया है.
इस बीच खबर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बलात्कार पीड़िता को सुरक्षा देने के लिए कहा है, जिसे अदालत में गवाही देने पर उन्नाव पीड़िता से भी भयानक परिणाम की धमकी दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा कि इस मामले की तेजी से जांच होनी चाहिए. धमकी देने वाले पर्चे में उन्नाव की घटना का जिक्र किया गया, जिसमें इस महीने अदालत जाने के दौरान बलात्कार पीड़िता को कथित रूप से पांच लोगों ने जला दिया था.
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस बारे में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर उचित कदम उठाने के लिए कहा है. शर्मा ने कहा कि मामले की जांच जल्द पूरी हो और लड़की की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और पीड़िता तथा उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए.