लखनऊ से राजेन्द्र कुमार
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) में अमर सिंह को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा अमर सिंह को लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क के लोकार्पण समारोह में बुलाना आजम खां जैसे तमाम नेताओं को पसंद नहीं आया. पार्टी प्रमुख के इस फैसले से तिलमिलाए आजम खां लखनऊ में रहते हुए भी लोकार्पण समारोह में नहीं आए. तो सपा प्रमुख ने भी आजम खां की नाराजगी को नजरअंदाज किया और अपने पुराने साथी अमर सिंह को मंच पर अपने ही नजदीक बिठाकर आजम खां को झटका दे दिया. करीब चार साल बाद सपा प्रमुख और अमर सिंह एक मंच पर साथ बैठे दिखे. कहा जा रहा है कि अब आगे भी अमर सिंह सपा प्रमुख के पार्टी और सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में साथ बैठे दिखायी देंगे और नेताजी (मुलायम) अमर सिंह को नापसंद करने वाले पार्टीजनों की चिंता नहीं करेंगे.
सपा प्रमुख के इस संदेश को समझते हुए ही करीब तीन सौ एकड में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क के लोकार्पण समारोह में अमर सिंह ने मंच से मुलायम सिंह की तारीख की। कहा मैं मुलायम भक्त हूं. उनके बुलावे पर ही मैं यहां आया हूं और यहां मेरी मौजूदगी नितांत व्यक्तिगत है, इसके राजनीतिक अर्थ ना तलाशे जाए. अमर सिंह के इस कथन पर समारोह स्थल पर मौजूद सपा समर्थकों ने मुलायम और अमर सिंह अमर रहे के नारे लगाए. अमर सिंह को लेकर कार्यकर्ताओं का यह जोश शायद आजम खां जैसे पार्टी के उन नेताओं को रास नहीं आया होगा, जिन्होंने अमर सिंह को चार साल पहले धोखेबाज और स्वार्थी तक कहा था.
ऐसा कहने वाले सपा नेताओं में शामिल राजेन्द्र चौधरी तो समारोह के मंच पर ही मौजूद थे, पर आज वह अमर सिंह को लेकर एक शब्द भी नहीं बोले. और मंच पर बैठे-बैठे अखिलेश सरकार के मंत्री नारद राय को अमर सिंह मेरे बड़े भाई है कहते सुनते रहे. सपा विधायक शादाब फातिमा ने भी अमर सिंह की तारीफ की. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख के भाई शिवपाल सिंह यादव भी अमर सिंह का ख्याल रखने कोई कसर नहीं रख रहे थे. जब सपा प्रमुख मंच से जनेश्वर मिश्र के व्यक्तित्व के बारे में बता रहे थे तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने चाचा अमर सिंह से बतियाने में व्यस्त थे.
चार वर्षो के बाद अमर सिंह का मुलायम सिंह के साथ एक मंच पर आना कुछ राजनीतिक गुल जरूर खिलाएगा। पार्टी के तमाम नेताओं का यह मनना है. सपा नेताओं के अनुसार पार्टी में सभी को पता है कि अमर सिंह और आजम खां एक दूसरे को पसंद नहीं करते. आजम खां के कहने पर ही सपा प्रमुख ने अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया था, फिर क्यों मुलायम सिंह ने चार साल बाद अमर सिंह को बुलाया ?
इस सवाल पर अमर सिंह कहते हैं कि अगर मेरे यहां आने से किसी को नाराजगी होती है, तो यह मुलायम सिंह को सोचना चाहिए. मुझे निमंत्रण दिया गया था, इसलिए मैं आया हूं. मैं तो न प्रार्थी हूं और न ही अभिलाषी हूं. बस समारोह में शामिल होने आया हूं और अपनी इस मंशा को मैंने मंच से व्यक्त भी किया. ऐसे में यदि किसी को (आजम खां) को तकलीफ होती है तो मैं क्या करूं.
चर्चा यह भी है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने आजम खां बढ़ती अपेक्षाओं पर अंकुश लगाने के लिए ही अमर सिंह को लोकार्पण समारोह में बुलाया. ताकि आजम खां को यह संदेश दिया जा सके कि वह अपनी तुकमिजाजी से सरकार और पार्टी के सामने संकट ना खड़ा करें. अपना रवैये में तब्दीली लाए और शिया धर्म गुरू ने ना उलझे अन्यथा अमर सिंह को पार्टी में लाया जा सकता है.
सपा प्रमुख के इस संदेश को आजम खां ने समझा है या नहीं यह तो वक्त बताएगा पर उन्होंने जनेश्वर मिश्र पार्क के लोकार्पण समारोह में ना जाकर यह जता जरूर दिया है कि वह अमर सिंह के साथ एक मंच पर बैठने को तैयार नहीं है. और अमर सिंह से लेकर शिया धर्म गुरू की खिलाफत वह बंद नहीं करेंगे.