Gorakhpur News: गोरखपुर कोर्ट ने 14 आरोपियों को साल 1996 में दर्ज केस में कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने हत्या का प्रयास करने, सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में यह सजा दी है. अपर सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार खरवार ने 7 साल के कठोर कारावास के साथ 8-8 हजार के अर्थदंड का आदेश दिया है.
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अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश सिंह एवं रविंद्र सिंह ने बताया कि वादी एसओ एसपी सिद्दीकी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप में बताया गया था कि 13 मार्च 1996 को वादी एसओ थाने पर मौजूद थे. उस समय उन्हें सुबह करीब 11:30 बजे बरही चौकी इंचार्ज ने सूचना दी थी कि रास्ते के विवाद को लेकर डिहघाट से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. चारों आरोपियों को छुड़ाने के लिए थाने के बाहर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. सूचना मिलने के बाद वादी थानेदार भीड़ को समझाने-बुझाने पहुंचे. वे शांति व्यवस्था कायम करने की कोशिश कर ही रहे थे कि इतने में ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अंदर से ललकारना शुरू कर दिया. इसके बाद वहां एकत्र भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. जिससे पुलिसकर्मी चोटिल हो गए. भीड़ ने चौकी के पास मौजूद मोटरसइकिल, साइकिल सहित चौकी भवन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.
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गोरखपुर के झगहां थानाक्षेत्र की बरही गांव निवासी हरीशचंद्र ,सुक्खू, दयाशंकर राय, अनिल कुमार राय, गोधन राय, दीनानाथ राय, विश्वनाथ, संजय कुमार राय, महेंद्र राय, जगदंबा प्रसाद, हरीश चौरसिया, रघुनाथ उर्फ प्रभुनाथ यादव, प्रदीप कुमार और रामरक्षा तिवारी को कोर्ट ने यह सजा सुनाई है.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप