लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के निर्भया कांड को कथित तौर पर छोटा बताये जाने को देश को अपमानित करने वाला बताते हुए कहा कि उस वारदात से पर्यटन पर कोई असर नहीं पडा.
मुख्यमंत्री ने बदायूं में दो लड़कियों की हत्या की सीबीआई जांच के दायरे में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा पीडित परिवार की मदद करने तथा परिजन के राजनीतिक सम्पर्कों को भी शामिल किये जाने की मांग की. अखिलेश ने यहां किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, देश के एक बडे मंत्री ने अभी कुछ कहा है…..दिल्ली के निर्भया कांड को छोटा बताया है. उन्होंने देश को अपमानित किया है.
उन्होंने जेटली पर कटाक्ष करते हुए कहा, एक मंत्री ने कहा कि उस घटना (निर्भया कांड) से देश के पर्यटन पर असर पडा है. लेकिन आगरा में पर्यटन पर तो कोई फर्क नहीं पडा. अखिलेश ने तंज भरे अंदाज में कहा लोग समझते हैं कि ताजमहल भारत में है, उत्तर प्रदेश में नहीं.
बाद में, मुख्यमंत्री ने सपा राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में बदायूं में गत मई माह में दो लडकियों की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या के मामले में बसपा द्वारा पीडितों को धन दिये जाने का जिक्र करते हुए कहा, एक पार्टी तो बदायूं कांड के पीडितों के पास पैसा लेकर पहुंच गयी. हो सकता है कि बाद में और भी धन दिया हो. सीबीआई इसकी भी जांच करे. साथ ही यह भी जांच हो कि उनके किन राजनीतिज्ञों से सम्पर्क रहे. इस मौके पर मुहम्मदी सीट से पांच बार विधायक रहे वंशीधर राज अपने समर्थकों समेत कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गये. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जितने भी मामले हैं, उनमें राजनीति की जा रही है.
अखिलेश ने बदायूं कांड को लेकर मीडिया की भूमिका की कडी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, मीडिया के एक वर्ग ने हमारी सरकार को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र तक मशहूर कर दिया लेकिन उसका कारण गलत था. मुख्यमंत्री ने कहा, कई बार दो लोगों के बीच परिचय के बाद घटना हो जाती है तो इसमें सरकार क्या करे. क्या हम मोहब्बत और बातचीत पर पाबंदी लगा दें.
उन्होंने मोहनलालगंज में एक महिला के साथ हुई दरिंदगी के मामले में भी मीडिया के एक वर्ग को कठघरे में खडा करते हुए कहा, उस महिला के बच्चों को जानबूझकर धरने पर बैठा दिया गया. क्या सचाई आप नहीं जानते थे. कुछ लोग जानबूझकर चाहते हैं कि सरकार की बदनामी होती रहे.
अखिलेश ने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा, आप क्या दिखा रहे हैं उससे क्या संदेश जा रहा है इस पर सोचना पडेगा. संवाद होना चाहिये लेकिन जरुरत से ज्यादा संवाद भी नुकसान देता है. समाज में जो बुराई आयी है, उनके लिये सबको मिलकर लड़ना होगा.