।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः प्रदेश में इस बार शिक्षक दिवस पर स्कूली बच्चों की बिसात पर सियासत भी होगी. भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) इसे लेकर आमने सामने हैं. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की पहल पर अखिलेश सरकार ने पांच सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण स्कूलों में दिखाए जाने की व्यवस्था तो कर दी है, पर इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की तमाम योजनाओं और उपलब्धियों को भी बच्चों को दिखाए जाने का निर्देश दिया है.
यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली के अनुसार हम भी बच्चों को बताएंगे कि अखिलेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद जनहित के लिए क्या किया. यूपी सरकार के इस रूख को लेकर यह कहा जा रहा है कि यूपी में अब स्कूली बच्चों के सामने होगा सियायत का खेल.यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली आम जनमानस में हो रही इस चर्चा पर कुछ नहीं कहते. उनके अनुसार सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रधानमंत्री का संबोधन प्रसारण और अखिलेश सरकार की उपलब्धियों का दिखाने के निर्देश दिए गए हैं.
सूबे के सीमित संसाधनों में प्रधानमंत्री के भाषण का का प्रसारण दिखाने की जो व्यवस्था की जा सकती है वह की जा रही है. उम्मीद है कि करीब सवा करोड़ बच्चे यूपी में प्रधानमंत्री का भाषण शिक्षक दिवस पर सुनेंगे और अखिलेश सरकार की उपलब्धियों को भी जानेंगे. इस अवसर पर अखिलेश सरकार की कन्या विद्याधन, मुफ्त लैपटॉप, हमारी बेटी उसका कल जैसी योजनाओं की खूबियों और कामयाबी के बारे में बताया जाएगा. शिक्षा विभाग के अधिकारी उपलब्धियों का ब्यौरा तैयार करने में जुटे हैं.
यूपी के इतिहास में पहली बार शिक्षक दिवस पर कोई प्रधानमंत्री स्कूली बच्चों से सीधा संवाद करेंगे. तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद की जयंती पर अपना एक संदेश बच्चों को सुनाने के लिए भेजा था, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सुनाने नहीं दिया और प्रधानमंत्री के संदेश के स्थान पर अपना लिखित भाषण बच्चों को शिक्षकों के जरिए बच्चों को सुनवाया था. तब मायावती के निर्देश पर बसपा ने मनमोहन सिंह के संदेश को सुनाए ना जाने पर कहा था कि कांग्रेस शिक्षा दिवस जैसे मौके का दुरुपयोग वोट बैंक के लिए कर रही है. वोट बैंक को ध्यान में रखकर ही प्रधानमंत्री का संदेश प्राइमरी स्कूलों को भेजा गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जैसी हिमाकत अखिलेश सरकार ने नहीं की है. बल्कि मुख्यमंत्री ने तो विदेश जाने के पूर्व ही स्कूलों में प्रधानमंत्री का संबोधन दिखाए जाने की व्यवस्था करने का निर्देश दे दिया था. मुख्यमंत्री की इस उदारता का राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है. कहा जा रहा है कि बीते लोकसभा चुनावों के दौरान सपा ने हर कदम पर मोदी का विरोध किया, जिससे यूपी के जनमानस में सपा के मुस्लिमपरस्त होने का संदेश गया. यूपी में हो रहे उपचुनावों में अखिलेश सरकार को लेकरऐसा संदेश फिर ना जाए इसी लिए नरेन्द्र मोदी के बच्चों को संबोधित करने के कार्यक्रम का विरोध नहीं किया जा रहा है.
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी राजनीतिक विशेषज्ञों के इस कथन का जवाब नहीं देते पर सूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविद चौधरी कहते हैं कि शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री बच्चों को संबोधित करेंगे. इसका किसी तरह का कोई विरोध नहीं है. अफसरों को इसका प्रसारण दिखाने की व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए गए हैं.
डायट, ब्लाक संसाधन केंद्र व न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर इसे दिखाया जाएगा. राम गोविंद के अनुसार प्रधानमंत्री के संबोधन को टेलीविजन, ब्राडकास्ट, वेबकास्ट, यू ट्यूब पर वीडियो स्ट्रीमिंग व रेडियो ब्राडकास्ट के जरिये दिखाया जाएगा. निदेशक माध्यमिक शिक्षा अवध नरेश शर्मा के अनुसार यूपी के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रदेश में इंटर पास छात्रों को बांटे गए 14,36,636 मुफ्त लैपटॉप का इस्तेमाल इस काम के लिए किया जाए.
लैपटॉप पाने वाले छात्रों से शिक्षक दिवस पर अपने पूर्व के इंटर कॉलेजों में पहुंचने का अनुरोध किया जा रहा है. उन्हें वहां इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी ताकि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को वेबकास्ट किया जा सके. प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के बाद यूपी में नरेन्द्र मोदी के संबोधन और अखिलेश सरकार की उपलब्धियों कर चर्चा का नया सिलसिला शुरू होगा.
यूपी के मंत्रियों का कथन
महबूब अली, माध्यमिक शिक्षा मंत्री
राज्य सरकार संविधान में आस्था रखती है. अत: प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का कोई विरोध नहीं है. आज का नौजवान कल का हिन्दुस्तान है. इसलिए प्रधानमंत्री का कार्यक्रम उन्हें दिखाने की व्यवस्था की गई है लेकिन इस मौके पर बच्चों को राज्य सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले कामों और योजनाओं के बारे में भी जानकारियां दी जाएंगी.
रामगोविंद चौधरी, बेसिक शिक्षा मंत्री
शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री बच्चों को संबोधित करेंगे. इसका किसी तरह का कोई विरोध नहीं है. अफसरों को इसका प्रसारण दिखाने की व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. डायट, ब्लाक संसाधन केंद्र व न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर इसे दिखाया जाएगा.