मैनपुरी सीट उपचुनाव मुलायम की तीसरी पीढी के लिए बन सकता है संसद का रास्ता

मैनपुरी: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा छोडी गई लोकसभा सीट मैनपुरी पर हो रहे उपचुनाव में पार्टी ने कमर कस ली है. मुलायम सिंह यादव ने 4 महीने पहले इस सीट पर भारी अंतर से जीत दर्ज की थी फिर भी वो उपचुनाव में शांत नहीं बैठे हैं क्योंकि इस सीट पर अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2014 4:21 PM

मैनपुरी: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा छोडी गई लोकसभा सीट मैनपुरी पर हो रहे उपचुनाव में पार्टी ने कमर कस ली है. मुलायम सिंह यादव ने 4 महीने पहले इस सीट पर भारी अंतर से जीत दर्ज की थी फिर भी वो उपचुनाव में शांत नहीं बैठे हैं क्योंकि इस सीट पर अब उनकी तीसरी पीढी है.

मुलायम अच्छी तरह जानते हैं कि 13 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के नतीजे का पार्टी की छवि पर खासा असर पडने वाला है. उत्तर प्रदेश में सपा सत्ताधारी दल भी है.
मुलायम और उनके परिवार के सदस्य तथा प्रदेश सरकार के मंत्री कई दिन से यहां डेरा डाले हुए हैं. हालांकि प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव हो रहे हैं. मैनपुरी को सपा और यादव परिवार का गढ कहा जाता है.
मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव, राम गोपाल यादव, भतीजे धर्मेन्द्र यादव और अक्षय यादव पूरी सक्रियता से चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वे मतदाताओं के घर घर जाकर भी संपर्क कर उनसे वोट मांग रहे हैं.
मुलायम के बेटे प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी यहां चुनावी रैलियां कीं और मतदाताओं को याद दिलाया कि सपा का उनसे कितना पुराना नाता रहा है और किस तरह यहां के मतदाताओं ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को यहां से जिताकर देश का रक्षा मंत्री बनाने में मदद की थी.
प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव चुनावी बिगुल बजने के साथ ही यहां जमे हुए हैं. वह उन समर्थकों को फिर से एकजुट करने की कोशिश करते नजर आये, जिन्होंने किन्हीं कारणों से पार्टी में असंतोष व्यक्त किया था.
सपा ने मैनपुरी से तेज प्रताप सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. प्रबंधन स्नातक तेज मुलायम के सबसे बडे भाई के पोते हैं. मुलायम जोर देकर कह रहे हैं कि भले ही उन्होंने मैनपुरी सीट छोड दी हो और आजमगढ सीट को अपने पास रखने का फैसला किया हो लेकिन यह सीट उनके परिवार में ही रहेगी.
उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे परिवार के सबसे युवा सदस्य को चुनावी शुरुआत करने में मदद करें और उसे भारी मतों से जितायें.
मुलायम मैनपुरी सीट 3.50 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीते थे. इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत को मुलायम ने अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है.
इस सीट से बसपा और कांग्रेस ने जहां अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, वहीं हाल के लोकसभा चुनावों में मिली ऐतिहासिक जीत से उत्साहित भाजपा ने पिछडी जाति के प्रेम कुमार शाक्य को उम्मीदवार बनाया है. गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को उपचुनावों के प्रचार की कमान सौंपकर भाजपा ने भी उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
लोकसभा चुनावों में भाजपा और उसकी सहयोगी ‘अपना दल’ ने मिलकर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर कब्जा किया था. सपा ने पांच सीटें जीती थीं, जिनमें मुलायम की दो सीटें आजमगढ और मैनपुरी भी शामिल थीं.

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