इन्सान ही नहीं अब गाय भी बनेंगी ”सेरोगेट मदर”

लखनऊ : ‘सरोगेट मदर’ इन्सानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी प्रचलित शब्द बन गया है. उत्तर प्रदेश में प्रजनन के लिए बेकार हो चुकी या दूध देने के काबिल नहीं रही गायों को ‘सरोगेट मदर’ बनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास परिषद की पहल से राज्य के दुधारु पशुओं में जल्द भ्रूण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2014 10:26 PM

लखनऊ : ‘सरोगेट मदर’ इन्सानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी प्रचलित शब्द बन गया है. उत्तर प्रदेश में प्रजनन के लिए बेकार हो चुकी या दूध देने के काबिल नहीं रही गायों को ‘सरोगेट मदर’ बनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास परिषद की पहल से राज्य के दुधारु पशुओं में जल्द भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक का इस्तेमाल कर प्रजनन के लिए बेकार हो चुकी गायों को ‘सरोगेट मदर’ के रुप में इस्तेमाल कर उनकी उपयोगिता बनायी रखी जाएगी. परिषद के मुख्य कार्याधिकारी बीबीएस यादव ने बताया, ‘भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के प्रयोग से अब दुधारु पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढेगी और उच्च गुणवत्ता वाली गायों की संख्या में बढोतरी होगी.

इस तकनीक से 60-65 लीटर दूध देने वाली गायें पैदा हो सकेंगी. भ्रूण प्रत्यारोपण से दुधारु पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी.’ यादव ने बताया कि विदेशी नस्ल की गायों में भी भ्रूण प्रत्यारोपण कर संतानें जन्म लेंगी. ‘इस तकनीक से गाय अब सिर्फ बछिया ही जन्मेंगी’ जरुरत पडने पर बछडे को भी इस विधि से जन्म दिया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि अच्छी नस्ल की गाय से इस तकनीक के जरिए साल में दो से तीन डिम्ब लिये जा सकेंगे. उनको अच्छी नस्ल के सांड के वीर्य से निषेचित करके उन गायों के गर्भ में डाल दिया जाएगा, जो दूध देने के काबिल नहीं हैं.

इस विधि से बेकार हो चुकी गायों की उपयोगिकता बनी रहेगी. यादव ने बताया कि इस तकनीक से अच्छी नस्ल की गाय से उसके दुग्ध उत्पादन को बाधित किये बिना साल भर में 30 से 35 डिम्ब प्राप्त कर इतने ही बच्चे पैदा किये जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल कर विदेशी नस्ल की उन गायों के बच्चे भी पैदा किये जा सकेंगे, जिनकी रोज 65 से 70 लीटर दूध देने की क्षमता है.

यादव के मुताबिक परिषद के चार पशु विशेषज्ञों को उत्तराखंड में प्रशिक्षण दिलाया गया है. उत्तराखंड के पास विदेशी नस्ल की गायों के भ्रूण आयात करने का लाइसेंस है जिससे विदेशी भ्रूण वहां उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से विदेशी नस्ल की गायों का भ्रूण खरीद कर उत्तर प्रदेश की दुधारु गायों में प्रत्यारोपित कर गाय के उच्च कोटि के बच्चे पैदा किये जाएंगे.

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