जनता परिवार को साथ लाने की जुगत, मुलायम के मंच पर दिखे शरद
लखनऊ : मुलायम सिंह यादव लगातार नौवीं बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये हैं. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज शुरु हुए पार्टी के नौंवे राष्ट्रीय अधिवेशन में इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि मुलायम को लगातार नौवीं बार सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. मुलायम […]
लखनऊ : मुलायम सिंह यादव लगातार नौवीं बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये हैं. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज शुरु हुए पार्टी के नौंवे राष्ट्रीय अधिवेशन में इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि मुलायम को लगातार नौवीं बार सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. मुलायम अगले तीन साल तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन से मिले कुछ संकेत
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव का अध्यक्ष चुना जाना खास बात नहीं थी, बल्कि जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का मंच पर उपस्थित होना लोगों को ध्यान आकर्षित कर रहा था. सपा प्रमुख के निमंत्रण पर लखनऊ आये जदयू अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा कि वह और मुलायम हमेशा से अच्छे मित्र रहे हैं और उनके बुलाने पर वह सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने आये हैं.
उन्होंने कहा हम लोगों ने तो जब से होश संभला है तबसे साथ हैं. इस समय जो हालात हैं उनमें एक तरह से संविधान पर काफी चोट हुई है.हमें उसे बचाना है. हालांकि सपा के साथ किसी तरह के गठबंधन के बारे में जदयू अध्यक्ष ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
लेकिन इन दोनों के मंच साझा करने से राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या वे दोनों एक बार फिर साथ आयेंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवाद का झंडा उठाने वाली पार्टियों जो हश्र हुआ उसे देखते हुए अगर शरद और मुलायम साथ आये, तो कोई अनहोनी नहीं होगी.
क्या फिर साथ दिखेगा जनता परिवार
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भी शरद यादव और मुलायम सिंह यादव ने ऐसी कोशिश की थी कि भाजपा के खिलाफ ताकतवर तीसरे मोरचे को खड़ा किया जाये, लेकिन बात नहीं बन पायी थी. गाहे-बगाहे जनता परिवार को साथ लाने की कोशिश हमेशा की जाती है. पिछले महीने भी हरियाणा में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती के अवसर पर जनता परिवार एक साथ दिखा था.
बिहार में जब नीतीश कुमार और लालू यादव ने साथ आने का निश्चय किया, तो उस वक्त नीतीश कुमार ने यह बयान दिया था कि सभी समाजवादी शक्तियों को साथ आ जाना चाहिए और उत्तर प्रदेश में मुलायम और मायावती को भी मतभेद भुलाकर मित्रता करनी चाहिए.