मुलायम और अखिलेश के निशाने पर मोदी सरकार
।।लखनऊ से राजेन्द्र कुमार।। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव अब अपने पुत्र अखिलेश यादव के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला करेंगे. भाजपा के साथ – साथ सपा कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी को भी निशाने पर रखेगी. सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के अन्तिम दिन मुलायम सिंह यादव और […]
।।लखनऊ से राजेन्द्र कुमार।।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव अब अपने पुत्र अखिलेश यादव के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला करेंगे. भाजपा के साथ – साथ सपा कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी को भी निशाने पर रखेगी. सपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के अन्तिम दिन मुलायम सिंह यादव और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी इस मंशा जाहिक करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला.
दोनों नेताओं ने कहा, देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार प्रदेश की उपेक्षा कर रही है. केंद्र सरकार पूंजीवाद के साथ सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही रही है. सपा केंद्र की मोदी सरकार की अलोकतांत्रिक सोच का लगातार विरोध करेगी.
सपा की यह सोच कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सरीखे राष्ट्रीय दलों के सामने खुद को कायम रखने का प्रयास है. जिसके चलते पार्टी अधिवेशन के आखिरी दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के कामकाज का ब्यौरा दिया. फिर उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र में काम करने वाली सरकार अपने घोषणा पत्र से भटक गई है. भाजपा का घोषणा पत्र प्रचार का पुलिन्दा साबित हुआ है, जबकि हम जमीनी स्तर पर काम करते हैं. मुख्यमंत्री ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि वो पूंजीवाद के साथ ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं.
उनके एजेंडे में किसान और गरीब नहीं हैं. जबकि सपा ही गरीबों और किसानों का ख्याल रखती है. यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग के बिना केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती, यह कहीं न कहीं एक सच है और राज्य सरकार विकास के कार्यों में केंद्र की पूरी मदद करेगी. मुख्यमंत्री ने बीते ढ़ाई वर्षो के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए कार्यो का विस्तार से ब्यौरा अधिवेशन में आए पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया और यह दावा भी किया कि बेरोजगार युवकों को सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराएगी. यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने पार्टी प्रमुख के दिशा निर्देश के तहत मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की घोषणा भी की.
वही सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भावना भाईचारा कायम करना हमारा मकसद है. जिसे वह हर हाल में पूरा करेंगे और इस संबंध में केंद्र सरकारी की अलोकतांत्रित नीतियों का खुलकर विरोध करेंगे. मुलायम सिंह ने लोकसभा चुनाव में मिली करारी का जिक्र करते हुए भाजपा को सबसे बड़ा खतरा भी बताया. उन्होंने कहा कि इस खतरे से निपटने के उपाय पार्टी के अधिवेशन में खोजे गए हैं. जिन पर पार्टी अमल कर भाजपा को रोकेगी.
कांग्रेस और बसपा की सच्चाई जनता के बीच उजागर करेगी. मुलायम सिंह ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हो रही है. जो लोग इसमें लिप्त हैं, सपा उन्हें सबक सिखाएगी और सूबे के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं देगी. भारत-पाकिस्तान की सीमा पर हो रही गोलीबारी का जिक्र भी सपा प्रमुख ने अपने संबोधन में किया. उन्होंने कहा कि मुझे पूरी जानकारी है कि कुछ लोग इसको आधार बनाकर अल्पसंख्यकों के बारे में राय बदलने की साजिश करेंगे.
कुछ शक्तियां इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेंगी. इससे सावधान रहने की जरूरत है. फिर उन्होंने देश की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि चीन भरोसे के लायक नहीं हैं. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को चीन पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं करना चाहिए. प्रधानमंत्री को चीन के साथ संबंधों को जोड़ने पर सावधानी बरतनी चाहिए. प्रधानमंत्री को यह सलाह देते हुए मुलायम सिंह ने यह चेतावनी भी दी कि केंद्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियों का सपा खुल कर विरोध करेगी और केंद्र सरकार द्वारा यूपी की अनदेखी करने को मुददा बनाएगी. मुलायम ने यह भी कहा कि अखिलेश के साथ वह केंद्र सरकार के हर कार्य पर नजर रखेंगे और केंद्र की किसान और गरीब विरोधी नीति का विरोध करेंगे.