रेल इंजन की आवाज सुन मोदी हुए भावुक, याद आये बचपन के दिन
वाराणसी : वाराणसी की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के गेस्ट हाउस में ठहरने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने बचपन की यादें ताजा हो आयीं और उन्होंने कहा कि पूरा बचपन वो रेल के डिब्बे वो यात्री सब कुछ आंखों के सामने जिंदा हो गया. मोदी लोकसभा के अपने चुनाव […]
वाराणसी : वाराणसी की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के गेस्ट हाउस में ठहरने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने बचपन की यादें ताजा हो आयीं और उन्होंने कहा कि पूरा बचपन वो रेल के डिब्बे वो यात्री सब कुछ आंखों के सामने जिंदा हो गया.
मोदी लोकसभा के अपने चुनाव क्षेत्र की पहली यात्रा पर आए थे और यहां डीजल लोकोमोटिव वर्क्स ( डीएलडब्ल्यू ) के गेस्ट हाउस में ठहरे थे. दिल्ली लौटने से पूर्व प्रधानमंत्री ने गेस्ट हाउस की आगंतुक पुस्तिका में ताजा हो आयीं बचपन की यादों को कुछ इस तरह अपने कलम से उकेरा : ‘‘बचपन से ही मेरा नाता रेलवे से रहा , रेलवे स्टेशन से रहा , रेल के डिब्बे से रहा. कल से मैं यहीं, डीएलडब्ल्यू के परिसर में ठहरा हूं.
चारों तरफ के माहौल ने मुझे मेरे बचपन से जोड दिया. शायद पहली बार , पूरा समय बचपन ,वो रेल के डिब्बे, वो यात्री, सब कुछ मेरी आंखों के सामने जिंदा हो गया. ये यादें बहुत ही भावुक थीं.यहां सब का अपनापन बहुत भाया. सभी कर्मयोगी भाइयों को धन्यवाद. अब तो मुझे बार बार यहां आना होगा. फिर बचपन की स्मृतियों के साथ नए संकल्प , संभावनाएं बनेंगी मां गंगा का प्यार और आशीर्वाद हमारे देश को निर्मल बनाए, हमारी सोच को निर्मल बनाए यही प्रार्थना. ’’
उल्लेखनीय है कि मोदी के पिता दामोदरदास की गुजरात के वाडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी और बचपन में मोदी भी अपने पिता के कामकाज में हाथ बंटाया करते थे.