।।राजेन्द्र कुमार।।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी कई बार उत्तर प्रदेश आ चुके और उनके यूपी आने पर राज्य सरकार को कभी ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ा. परन्तु मथुरा के वृंदावन में 16 नवंबर को होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के शामिल होने को लेकर इस बार प्रदेश सरकार चिंतित है. इसकी मुख्य वजह वृंदावन में बंदरों द्वारा श्रद्वालुओं को परेशान करने संबंधी घटनाएं है.
इन बढ़ती घटनाओं के कारण राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की हिफाजत में पचास से अधिक कमांड़ों के साथ इस बार दस लंगूर भी तैनात किए जा रहे हैं. यूपी में किसी वीवीआईपी की सुरक्षा में लंगूर तैनात करने का यह पहला वाकया है.राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आगामी 16 नवंबर को वृंदावन में बने चंद्रोदय मंदिर के गर्भगृह शिलान्यास समारोह में शामिल होना है. मंदिर के इस कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ठाकुर बांके बिहारी मंदिर भी जाएंगे.
बांके बिहारी मंदिर के इलाके में बंदरों की भारमार है. मंदिर में दर्शन करने आए लोगों के चश्मे, पर्स, कैमरे तथा खाने-पीने की चीजें आदि छीन कर यहां के बंदर भाग जाते हैं. इतना ही नहीं कई बार बंदर श्रद्धालुओं को काट भी लेते हैं. बांके बिहारी मंदिर जाने के लिए राष्ट्रपति को वीवीआईपी पार्किंग स्थल से करीब दो सौ मीटर पैदल चल कर जाना होगा. उस समय कोई उत्पाती बंदर राष्ट्रपति या उनके साथ चल रहे लोगों का चश्मा या अन्य सामान छीनने का प्रयास ना करे, इसके लिए सुरक्षाकर्मियों के साथ दस लंगूर भी तैनात करने का निर्णय मथुरा के जिला प्रशासन ने लिया है.
राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे सेना के अधिकारियों ने भी लंगूर तैनात करने के फैसले पर सहमति जतायी है. मथुरा के डीएम राजेश कुमार के अनुसार लंगूर को देखकर मकान या मंदिर की छत पर बैठा बंदर नीचे नहीं आता है. इन लंगूरों की तैनाती करने पर कितना खर्च आएगा? मथुरा की एसएसपी मंजिल सैनी और डीएम राजेश कुमार यह नहीं बताते पर राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे इंतजामों के बारे में विस्तार से बताते हैं .
राजेश कुमार के अनुसार राष्ट्रपति प्रणव मुखर्ची 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचेंगे और उनकी सुरक्षा के मददेनजर 36 मजिस्ट्रेट तैनात किए जा रहे है.जिनके अधीन ही चंद्रोदय मंदिर परिसर तथा बांके बिहारी मंदिर के इर्दगिर्द पचास कमांड़ो और अत्याधुनिक शस्त्रों से लैस सैंकड़ों सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी.चंद्रोदय मंदिर परिसर में पांच हेलीपैड़ बनाए जा रहे हैं.इनमें से एक-एक हैलीपैड राज्यपाल राम नाइक और सीएम अखिलेश यादव के लिए होगा.
तीन हैलीपैड राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए होंगे.चन्द्रोदय मंदिर के कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बैट्री रिक्शा से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पहुंचेंगे.बैट्री रिक्शा अगल बगल एक सुरक्षाकर्मी लंगूर के साथ दौडता हुआ मंदिर तक जाएगा.मंदिर के मुख्यद्वारा के समीप भी एक लंगूर तैनात रहेगा.बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ चार पांच गोस्वामियों की मौजूदगी राष्ट्रपति के वहां पहुंचने पर होगी.
राष्ट्रपति करीब आधा घंटा मंदिर में रहेंगे.इस दौरान मंदिर के चारो तरफ सुरक्षाकर्मियों का घेरा रहेगा.मंदिर में राष्ट्रपति के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्यपाल राम नाईक जाएंगे या नहीं? यह अभी तक मथुरा के जिला प्रशासन को नहीं बताया गया है.मथुरा प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रपति के वृंदावन दौरे के दौरान उनकी हिफाजत में लंगूर तैनात करने संबंधी निर्णय के बारे में राष्ट्रपति भवन के अफसरों को बता दिया गया है.