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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गांव गोद लिया
लखनऊ से राजेन्द्र कुमार प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव लेने वालों में अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम भी जुड़ गया है. सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जगतपुर ब्लाक में उड़वा गांव को और राहुल गांधी ने अमेठी के डीह ब्लाक के जगदीशपुर गांव […]
लखनऊ से राजेन्द्र कुमार
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव लेने वालों में अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम भी जुड़ गया है. सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जगतपुर ब्लाक में उड़वा गांव को और राहुल गांधी ने अमेठी के डीह ब्लाक के जगदीशपुर गांव को गोद लिया है. सोनिया-राहुल के पारिवारिक सदस्य कहे जाने वाले राज्यसभा सदस्य कैप्टन सतीश शर्मा ने भी अपने नेताओं की तरहरायबरेली के सरेनी गांव को गोद लिया है. वह रायबरेली से लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत करने के बाद से ही ये सवाल पूछे जा रहे थे कि मुलायम, मायावती और सोनिया गांधी जैसे देश के बड़े नेताओं का इस योजना को लेकर क्या रुख रहेगा ? क्या यह नेता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गयीउक्त योजना का समर्थन करने हुए अपने संसदीय क्षेत्र के किसी गांव को गोद लेंगे? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी के जयापुर गांव को गोद लेने के बाद भी ये सवाल उक्त नेताओं के समर्थकों से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
इसी बीच गांव गोद लेने की अंतिम तिथि 11 नवंबर भी बीत गयी, पर उक्त नेताओं ने अपने संसदीय क्षेत्र में किसी गांव को गोद नहीं लिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर गांव देहात के विकास की बड़ी-बड़ी बाते करने वाले इन नेताओं पर कटाक्ष किए गए. इलेक्ट्रानिक मीडिया पर भी उक्त नेताओं पर प्रधानमंत्री की योजना का समर्थन ना करनेसंबंधी गंभीर बहस हुई. कहा जा रहा है कि मीडिया में हो रही ऐसी चर्चा का संज्ञान लेते हुए ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा कैप्टन सतीश शर्मा ने एक-एक गांव को गोद लेने का निर्णय लिया और बीते शुक्रवार को इसकी सूचना प्रदेश शासन को दी.
कांग्रेस नेता जगदीश पीयूष के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली के जगतपुरब्लॉक के उड़वा गांव को गोद लिया है. यह गांव 1857 की क्रांति में प्राणों की आहुति देने वाले राणा बेनी माधव सिंह की जन्मस्थली है. इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज उड़वा गांव विकास से कोसों दूर है. गांव में 40 फीसदी एससी, 40 फीसदी ओबीसी, 15 फीसदी सामान्य और 5 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इनमें से 70 फीसदी आबादी आज भी कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. गांव को जगतपुर और सलोन कस्बे से जोड़ने वाली सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं है. लगभग 5000 की आबादी वाले गांव में शिक्षा के नाम पर दो प्राथमिक व एक जूनियर स्कूल है. हाईस्कूल व इंटर की पढाई के लिए पांच किमी दूर शंकरपुर जाना पड़ता है. यही वजह रही कि गांव के मात्र 15 से 20 लोग ही सरकारी नौकरी में है औरअधिकतरमेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं.
इसी तरह से राहुल गांधी ने भी जिस गांव को गोद लिया है, विकास से उसका भी दूर-दूर तक कोई नाता नहीं हैं. इसी गांव के एयरफोर्स के सिपाही अखिलेश सिंह उत्तराखंड में आयीत्रासदी में राहत कार्य के दौरान शहीद हो गए थे. कैप्टन सतीश शर्मा द्वारा गोद लिए सरेनी गांव में भी बहुत पिछड़ा है. जगदीश पीयूष का दावा है कि अब अगले पांच सालों में उक्त गांवों की तस्वीर बदल जाएगी. इनमें विकास संबंधी तमाम कार्य होंगे और गांव में रहने वाले ग्रामीणों के चहेरे पर खुशहाली आ जाएगी. पीयूष के अनुसार जल्दी ही सोनिया और राहुल गांधी गोद लिए गए गांवों के ग्रामीणों से मिलने आएंगे और उन्हें बताएंगे कि वह इन गांवों के विकास के लिए क्या क्या करेंगे.
यह है योजना
आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्र एवं राज्य में एक गांव गोद लेकर उसका विकास कराना है. इस गांव के विकास के लिए सांसदों को अलग से कोई फंड नहीं दिया जा रहा है. सांसद निधि कोटे से मिलने वाली रकम से ही चयनित गांव का कायाकल्प किया जाना है.
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