मैं चाहता हूं जनता परिवार एक हो जाये : मुलायम सिंह
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि केंद्र की सत्ता पर कब्जे के लिए यह जरूरी है कि जनता परिवार एक हो जाये. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा, हम चाहते हैं कि हम सब फिर से एक हों. नीतीश कुमार, लालू […]
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि केंद्र की सत्ता पर कब्जे के लिए यह जरूरी है कि जनता परिवार एक हो जाये. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा, हम चाहते हैं कि हम सब फिर से एक हों.
नीतीश कुमार, लालू यादव, देवेगौड़ा हम सभी एक थे, तभी केंद्र की सत्ता पर कब्जा किया था. हम अलग हुए तो कांग्रेस हावी हो गयी और अब भाजपा सत्ता में आ गयी है. प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सफाई किसी झाडू से नहीं होगी, बल्कि गरीबी दूर करने से होगी.
मोदी आज हर घर में शौचालय की बात कर रहे हैं लेकिन हमने तो यह अभियान 1990 में ही शुरू कर दिया था. समाजवादी महिला सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए मुलायम सिंह ने उक्त बातें कहीं. इस मौके पर उन्होंने महिलाओं की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि पर्दा प्रथा महिलाओं को आगे जाने से रोक देती है. उन्होंने कहा कि बदलते दौर में जब महिलाएं खुद को साबित कर चुकी हैं ऐसी कुरीतियों का अंत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में आज भी महिलाओं का ही सबसे ज्यादा शोषण होता है. घर की चहारदीवारी में भेदभाव अब भी कायम है.
अब आप ही तय करें इस पर्दे की प्रथा के बारे में. ये कुरीतियां खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाजवाद के यशस्वी हस्ताक्षर राम मनोहर लोहिया ने हमेशा महिलाओं को पुरुषों के बराबर भागीदारी की वकालत की और कई मंचों पर उन्होंने इस बारे में मजबूत संदेश भी दिये.
इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है. सपा प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए विद्यार्थियों में बांटे गये लैपटाप भी जिम्मेदार थे. मोदी ने बड़ी चालाकी से उनमें अपना भाषण और तस्वीर डालकर उनका इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए किया.
सपा प्रमुख की बहू और कन्नौज से पार्टी सांसद डिम्पल यादव ने इस मौके पर कहा कि सपा को प्रदेश की सत्ता में लाने में महिलाओं का बराबर का योगदान रहा है. नेताजी (मुलायम) ने महिलाओं के दुख-दर्द को समझकर अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरु की थीं जिन्हें मौजूदा सरकार आगे बढ़ा रही है.