।।राजेन्द्र कुमार ।।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को दुधारू पशुओं के अवैध कटान को लेकर सत्ता पक्ष और भाजपा सदस्यों में तीखी नोक झोंक हुई. भाजपा सदस्यों ने दुधारू पशुओं की अवैध कटान के बाबत आए सरकार के जबाव पर सदन में जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगभग एक घंटे बाधित रही. इस दरमियान शोर शराबे के बीच सरकार ने अपने विधायी कार्य निबटाये. विपक्षी सदस्यों के जारी हंगामें को मुददा बनाकर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी.
मंगलवार की सुबह जब प्रश्न काल प्रारम्भ हुआ तो एक प्रश्न के उत्तर को लेकर यह हंगामा शुरू हुआ जो सदन की कार्यवाही खत्म होते तक जारी रहा. सदन में हंगामे की शुरूआत भाजपा के लोकेन्द्र सिंह और सतीश महाना द्वारा प्रदेश में गोवंश पशुओं की अवैध कटान का मामला उठाने से हुई। इस प्रश्न के जरिए भाजपा सदस्यों ने सरकार से जानना चाहा कि सरकार ने इस संबंध में अब तक कोई कड़ा कानून क्यों नहीं बनाया गया.
भाजपा सदस्यों के इस सवाल पर सरकार की ओर से पशुधन मंत्री राजकिशोर सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि दुधारू पशुओं की अवैध कटान कहीं नहीं हो रही है. प्रदेश में पशुओं की संख्या में लगातार वृद्वि हुई है। 2003 में गौवंश की संख्या 185.51 लाख थी, जो 2007 में 190.97 लाख तथा वर्ष 2012 में 205.66 लाख हो गयी है. जहां तक पशुओं की चोरी की बात है तो इसे रोकने के लिए छापेमारी की जा रही है. पशुधन मंत्री के इस जवाब पर भाजपा सदस्य सतीश महाना ने कहा कि सरकार दोहरी बात कर रही है कि एक तरफ अवैध कटान की बात से इनकार कर रही है तो दूसरी तरफ कह रही है कि इसे रोकने के लिए छापेमारी की जा रही है. जब पशुओं का अवैध कटान नहीं हो रहा है तो इसे रोकने के लिए छापेमारी क्यों हो रही है?
महाना की इस घेराबंदी पर सत्ता पक्ष के कई विधायक टीका टिप्पणी करने लगे जिस पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने उन्हे रोका. इसी टीका टिप्पणी के बीच पशुधन मंत्री ने भाजपा सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कह दिया कि आप लोग ही गिरोह बनाकर यह काम कर रहे हैं.
इतना सुनते ही भाजपा सदस्य उद्वेलित हो गये और अपने आसन पर खडे होकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। जब भाजपा सदस्य लोकेन्द्र सिंह को अपने मूल प्रश्न पर बोलने का अवसर मिला तो उन्होंने बिजनौर जिले में स्थित एक बूचड़खाने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पर हरे पेड़ पौधों को काटकर बूचड़खाना बनाया गया है. सरकार ऐसे बूचडखाने का ध्वस्त कराने का काम क्यों नहीं कर रही है. लोकेन्द्र सिंह का यह सवाल सुनते ही संसदीय कार्यमंत्री मो आजम खां भड़क गऊ और उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग गुलाबी क्रान्ति लाने की बात कर रहे थें वह अब क्यों नहीं गोश्त एक्सपोर्ट करना बंद कर रहे हैं.
संसदीय मंत्री आजम खा के जवाब पर भाजपा सदस्य और उत्तेजित हो गये और नारेबाजी करते हुए वेल की तरफ बढ़ने लगे. दूसरी तरफ आजम खां के इस जवाब का भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश चन्द्र खन्ना ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सवाल के जवाब में उत्तर दिए जा रहे हैं यह जवाब देने का तरीका नहीं है, सरकार सच्चाई को छिपाना चाह रही है। इतना कहने के बाद भाजपा सदस्य अपना आसन छोड़कर वेल में बैठकर नारेबाजी करने लगे.
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के मनाने पर भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। भाजपा सदस्यों का कहना था कि पशुधन मंत्री के मांफी मांगने पर ही वह अपना विरोध खत्म करेंगे. हंगामा थमता न देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
साढ़े बारह बजे के करीब जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा सदस्य फिर से हंगामा करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 10-10 मिनट के लिए तीन बार स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से प्रारम्भ हुई तो भी भाजपा सदस्य हंगामा करने पर आमादा थें. यह देख शोरशराब के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी.