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बदायूं हत्याकांड : मायावती ने कहा, सीबीआइ ने जल्दबाजी में दी रिपोर्ट

बदायूं : देश को हिला कर रख देने वाले उत्तर प्रदेश के बदायूं गैंगरेप केस में नया खुलासा हुआ है. सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के अनुसार दोनों चचेरी बहनों की हत्या नहीं की गई थी. रिपोर्ट की माने तो उन्होंने खुद को फंदे के सहारे पेड़ से लड़का कर खुदकुशी की थी. सीबीआइ की जांच […]

बदायूं : देश को हिला कर रख देने वाले उत्तर प्रदेश के बदायूं गैंगरेप केस में नया खुलासा हुआ है. सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के अनुसार दोनों चचेरी बहनों की हत्या नहीं की गई थी.

रिपोर्ट की माने तो उन्होंने खुद को फंदे के सहारे पेड़ से लड़का कर खुदकुशी की थी. सीबीआइ की जांच पर सवाल उठाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि सीबीआइ ने जल्दबाजी में रिपोर्ट दी है. मैंने खुद घटनास्थल का दौरा किया था. वहां का दृश्‍य देखकर साफ लग रहा था कि दोनों बहनों के साथ यौन शोषण हुआ है.

सीबीआइ प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने आज बताया, ‘‘करीब 40 वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ का निष्कर्ष है कि बदायूं मामले में दोनों नाबालिग लडकियों से बलात्कार नहीं हुआ था और उनकी हत्या नहीं की गयी, जैसा कि एफआईआर में आरोप था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जांच से नतीजा निकला है कि यह आत्महत्या का मामला है.’’ जून में जांच का जिम्मा संभालने वाली सीबीआई ने कहा कि लडकियों पर यौन हमला और हत्या का कोई सबूत नहीं है. एजेंसी बदायूं की अदालत में कल अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.

28 मई को हुई इस घटना के बाद राज्य सरकार को विपक्षी पार्टियों ने घेरा था जिसके बाद इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी. बदायूं में दो नाबालिग लड़कियों के शव पेड़ से लटके मिलने से क्षेत्र में सनसनी मच गई थी. प्रारंभ में दोनों के साथ बलात्कार कर हत्या करने का मामला दर्ज कराया गया था.

लड़कियों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि गांव के पांच लोगों ने उन्हें अगवा कर उनके साथ गैंगरेप किया और बाद में उनकी हत्या कर शवों को पेड़ से लटका दिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि जिस रात दोनों बहनें लापता हुई थीं, उस रात उनकी शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

सीबीआइ जांच के बाद यह साफ हो गया है कि दोनों के साथ दुष्‍कर्म नहीं हुआ था. हैदराबाद स्थित प्रतिष्ठित संस्थान में कराए गए फोरेंसिक जांच में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई. सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने से इनकार कर दिया था जिस कारण गिरफ्तार किये गए पांच लोगों जमानत पर छोड़ दिया गया.

सीबीआइ कटरा गांव में दो किशोरियों की कथित हत्या और बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच लोगों पप्पू, अवधेश और उर्वेश यादव (तीनों भाई) और कांस्टेबलों छत्रपाल यादव तथा सर्वेश यादव के खिलाफ आरोपपत्र दायर न करने का फैसला पहले ही कर चुकी है.

घटना पर देशभर में प्रदर्शन हुए. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार चारों ओर से घिर गयी थी.सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि आरोपियों को हत्या से जोडने का कोई सबूत नहीं है. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘मेडिकल बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा कि किसी भी पीडिता पर यौन हमले का मामला संदिग्ध प्रतीत होता है.’’

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