लखनऊ/अलीगढ़ : आगरा में धर्मातरण मामले की गूंज संसद से लेकर सड़क तक सुनायी दी थी. अभी यह मामला थमा नहीं कि पूरे उत्तर प्रदेश में ‘घर वापसी’ कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. कुछ संगठन इस माह हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की योजना बनायी है.
सूत्रों के मुताबिक, गोरखपुर में 16 दिसंबर को 15 मुसलिम परिवारों और 18 दिसंबर को गाजीपुर में 2000 ईसाइयों और अलीगढ़ में 25 दिसंबर को 5000 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जायेगा. इसकी भनक लगते ही प्रदेश सरकार ने संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को अलर्ट रहने को कहा है.
उधर, आगरा में धर्मातरण के आरोपी धर्म जागरण मंच के प्रांत संयोजक नंद किशोर वाल्मीकि पर पुलिस ने 5000 का इनाम घोषित कर दिया है, जबकि कोर्ट ने उनका गैरजमानती वारंट जारी किया है. मुसलिम समुदाय के लोगों ने गिरफ्तारी के लिए प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है.
लड़ेंगे कानूनी लड़ाई : धर्म जागरण समिति
अलीगढ़ जिला प्रशासन की सख्त चेतावनी के बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी धर्म जागरण समिति 25 दिसंबर को जिले में धर्मातरण कार्यक्रम आयोजित करने पर अडिग है. उसका कहना है कि अगर उसे आयोजन करने से रोका गया, तो वह कानूनी लड़ाई लड़ेगी. धर्म जागरण समिति नेता तथा धर्मातरण आयोजन सचिव विद्याराम पांडेय ने शुक्रवार रात यहां कहा कि 25 दिसंबर को होनेवाला कार्यक्रम कोई धर्मातरण का अनुष्ठान नहीं, बल्कि पूर्व में हिंदू धर्म से कथित रूप से बाहर हुए लोगों की ‘घर वापसी’ का कार्यक्रम है. अगर जिला प्रशासन हमें आयोजन के रोकने की कोशिश करेगा तो हम कानूनी लड़ाई भी लड़ने को तैयार हैं.’
हर साल होता है कार्यक्रम
भाजपा सांसद योगी आदित्यानाथ का कहना है कि वो अलीगढ़ में 25 दिसंबर को होनेवाले ‘घर वापसी’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. कहा कि 25 दिसंबर का कार्यक्र म 12-15 साल से होता आ रहा है. हर साल दो-चार हाजर लोगों की घर वापसी होती है. मैं खुद दो बार 25 दिसंबर को ऐसे कार्यक्र मों में शामिल हो चुका हूं.
स्वैच्छिक धर्मातरण तो एक सामान्य मामला है, लेकिन क्रिसमस के मौके पर सामूहिक धर्मातरण कुछ हिंदू संगठन ईसाई समुदाय को एक वैमनस्यपूर्ण संदेश देना चाहते हैं.
ओसमंड चार्ल्स, सदस्य, ईसाई समुदाय
25 दिसम्बर को होनेवाला ड्रामा दरअसल धर्मातरण पर पाबंदी लगाने के लिए संसद में विधेयक लाने की भाजपा की सोची-समझी योजना का हिस्सा है.