जातीय रैली करना नहीं रोकेगी बसपा: मायावती

-राजेन्द्र कुमार- लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती जातीय रैली करना बंद नहीं करेगी. रविवार को उन्होंने राजनीतिक दलों के जातीय रैली या सम्मेलन करने को सही बताया और कहा कि जातिगत रैलियों एवं सम्मेलनों से बसपा को ताकत मिलती है. बसपा जातिगत आधार पर बटे समाज को एकजुट करने के लिए जातीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2013 4:45 PM

-राजेन्द्र कुमार-

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती जातीय रैली करना बंद नहीं करेगी. रविवार को उन्होंने राजनीतिक दलों के जातीय रैली या सम्मेलन करने को सही बताया और कहा कि जातिगत रैलियों एवं सम्मेलनों से बसपा को ताकत मिलती है. बसपा जातिगत आधार पर बटे समाज को एकजुट करने के लिए जातीय भाईचारा सम्मेलन एवं रैली करती रहेगी. इस संबंध में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का ध्यान रखने की बात भी मायावती ने कही.

इसके साथ ही मायावती ने कहा कि न्यायालय को धर्म के आधार पर राजनीति करने वाले विहिप, आरएसएस व बजरंग दल जैसे संगठनों पर रोक लगानी चाहिए.आपराधिक प्रवृति के लोगों को राजनीति से दूर रखने के लिए सुप्रीमकोर्ट के फैसले से भी मायावती ने असहमित जताई और कहा कि केंद्र सरकार से मांग की कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करे. यहां बसपा मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करने हुए मायावती ने जहां केंद्र सरकार से यह मांग की वही बसपा के लिए जातीय रैली या सम्मेलन करना क्यों जरुरी है, इसे स्पष्ट किया. मायावती ने कहा कि देश का सामाजिक ढांचा जातीय आधार पर ही केन्द्रित है. बसपा राजनैतिक पार्टी बाद में है पहले वह सामाजिक संगठन है. मायावती कहती हैं कि बसपा जाति आधारित सम्मेलन या रैलियां समाज को बाटने के लिए नहीं बल्कि आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए करती है.

बसपा का यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक जातीय व्यवस्था बदल नहीं जाती. मायावती ने कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बसपा अपने इस अभियान में कुछ परिवर्तन करके इसे जारी रखेगी ताकि सर्वसमाज के बीच सौहार्द का वातावरण बने. बसपा इस अभियान को छोड़ेगी नहीं बल्कि सर्वसमाज के नाम पर सम्मेलन व रैलियां करने का सि‍लसिला देशभर में जारी रखा जायेगा. यह दावा करते हुए मायावती कहा कि कुछ संगठन जैसे विहिप, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, बजरंग दल आदि धर्म के आधार पर राजनीति कर रहे हैं. यह संगठन चुनाव में भाजपा की मदद करते हैं. न्यायालय को इसका संज्ञान लेकर इन संगठनों पर रोक लगाती चाहिए. उन्होंने राजनीति के शुद्धिकरण को लेकर सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का जिक्र किया और कहा कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले के लागू होने के बाद इसका राजनैतिक दुरुपयोग बढ़ जाएगा. जिसके बाद इसका फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा. इसलिए केंद्र सरकार इस फैसले के खिलाफ पुर्नविचार याचिका दाखिल करे.

उप्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए

उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मायावती ने सूबे की सपा सरकार पर हमला बोला और केंद्र सरकार से प्रदेश में उप्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. मायावती ने यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज खत्म होकर अपराधियों का राज कायम हो चुका है. सूबे के हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. महिलाओं पर तेजाब फेकने और उनकी जीभ तक काटने की घटनाएं हो रही है. जिसका असर प्रदेश के विकास कार्यो पर पड़ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार को सूबे में उप्र में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए. मायावती ने कहा कि बसपा सूबे में राष्ट्रपति शासन की मांग पूर्व में राज्यपाल से कर चुके है और इसकी ( राष्ट्रपति शासन लगाने की) सिफारिश किए जाने तक वह इस मांग को बार-बार दोहराती रहेगी.

विजय बहादुर का बयान व्यक्तिगत

गुजरात दंगों के बावत गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करने वाले बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह को मायावती ने आड़े हाथों दिया है. मायावती ने कहा कि विजय बहादुर सिंह ने नरेन्द्र मोदी को लेकर जो बयान दिया है यह उनका व्यक्तिगत बयान है. बसपा का नहीं. मायावती के अनुसार विजय बहादुर सिंह को आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. इसी के बाद से विजय बहादुर पार्टी की लीक से हटकर बयान दे रहे हैं. मायावती ने विजय बहादुर को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह पार्टी के अनुशासन में नहीं रहेंगे तो उन्हें निलंबित कर पार्टी से निकाला भी जा सकता है.

बोधगया जाएगी मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने बोधगया में हुए ब्लास्ट की निंदा की है. मायावती के अनुसार इस मामले में विभिन्न दल राजनीति करने में जुट गए हैं, जो की ठीक नहीं है. किसी भी दशा में बोधगया में हुए ब्लास्ट को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए. मायावती ने कल बोघगया जानकर वहां के हुए नुकसान का जायजा लेने की बात भी कहीं.

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