राजनाथ ने कहा, धर्मांतरण पर रोक के लिए सख्त कानून की जरूरत
लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मांतरण पर रोक के लिए कानून बनने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, अगर धर्मांतरण पर कोई कठोर कानून बना, तो निश्चित तौर पर इसमें रोक लगेगी. सभी राजनीतिक दलों को इस पर विचार करना चाहिए. सिंह ने यहां अमीनाबाद महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्लैटिनम जुबली समारोह […]
लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मांतरण पर रोक के लिए कानून बनने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, अगर धर्मांतरण पर कोई कठोर कानून बना, तो निश्चित तौर पर इसमें रोक लगेगी. सभी राजनीतिक दलों को इस पर विचार करना चाहिए. सिंह ने यहां अमीनाबाद महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्लैटिनम जुबली समारोह के एक कार्यक्रम के मौके पर संवादाताओं के सवालों के जवाब में कहा,‘‘मैं समझता हूं कि धर्मांतरण रोकने के लिए एक धर्मांतरण विरोधी कानून बनना चाहिए.
इस पर सभी राजनीतिक दलों को गंभीरता से विचार करना चाहिए.’’ विपक्षी दलों द्वारा धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘विपक्ष को यह समझना चाहिए कि सरकार का कोई भी मंत्री बोले वह सरकार का पक्ष है.’’ कुख्यात माफिया दाउद इब्राहीम के कराची में होने के बारे में एक कथित टेप के प्रकाश में आने के बारे में सवाल पूछे जाने पर सिंह ने संक्षिप्त जवाब में कहा, ‘‘दाउद मोस्ट वांटेड अपराधियों में शामिल है. उसे भारत को सौंपने के लिए पाकिस्तान से बातचीत की गयी है. परिणाम की प्रतीक्षा कीजिए.’’
वर्ष 84 में हुए सिख विरोधी दंगों के पीडितों की सहायता के सिलसिले में हुए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा, ‘‘दंगा पीडित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया गया है. जिन पीडितों के साथ इंसाफ नहीं मिल पाया है ऐसे मामलों पर विचार के लिए उच्च न्यायालय के एक अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया गया है.’’