वाराणसी : भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने स्वतंत्रता से पहले ब्रिटिश लेखकों द्वारा लिखी गयी इतिहास की पुस्तकों में भारत के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की शनिवार को वकालत की.
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ब्रिटिश लेखकों की इतिहास की पुस्तकें बदली जाएं : सुब्रह्मण्यम स्वामी
वाराणसी : भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने स्वतंत्रता से पहले ब्रिटिश लेखकों द्वारा लिखी गयी इतिहास की पुस्तकों में भारत के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की शनिवार को वकालत की. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने […]
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लेखकों द्वारा लिखी गयी इतिहास की पुस्तकों के बजाय भारतीयों द्वारा लिखी गयी इतिहास की पुस्तकों को बढावा दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में भी अकबर, औरंगजेब एवं उन जैसे अन्य मुगल शासकों से कहीं ज्यादा हिंदू राजाओं के बारे में तथ्यों का उल्लेख किया जाना चाहिए.
स्वामी ने कहा कि जिन स्थानों पर मंदिर तोड़ कर मसजिदें बनायी गयीं, वहां फिर मंदिरों का निर्माण करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ह्यह्यमातृभाषा के अलावा संस्कृत द्वितीय भाषा के रूप में अनिवार्य बनायी जानी चाहिए. ह्णह्ण भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार धर्मांतरण मुद्दे पर जबरदस्ती प्राथमिकी दर्ज करवा रही है लेकिन मध्यप्रदेश, ओडिशा एवं हिमाचल प्रदेश की तरह यहां धर्मांतरण को लेकर कानून नहीं है.
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