अखिलेश शासन में बढ़ी महिला उत्पीड़न की घटनाएं

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के शुरुआती ढाई साल के कार्यकाल के दौरान महिला उत्पीड़न की शिकायतों में पूर्ववर्ती मायावती सरकार के इतनी ही अवधि के शासन के मुकाबले करीब 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि निस्तारण के मामले में 45 फीसदी की कमी आयी है. राज्य महिला आयोग द्वारा सूचना का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 5:14 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के शुरुआती ढाई साल के कार्यकाल के दौरान महिला उत्पीड़न की शिकायतों में पूर्ववर्ती मायावती सरकार के इतनी ही अवधि के शासन के मुकाबले करीब 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि निस्तारण के मामले में 45 फीसदी की कमी आयी है.

राज्य महिला आयोग द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत उपलब्ध करायी गयी सूचना में यह जानकारी दी गयी.आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा द्वारा गत 15 सितंबर को पत्र के जरिये मांगी गयी सूचना के जवाब में 17 दिसंबर को प्रेषित खत में राज्य महिला आयोग ने जानकारी दी है कि मायावती सरकार के कार्यकाल में 15 सितंबर 2009 से 14 मार्च 2012 तक अंतिम ढाई साल के कार्यकाल में आयोग को प्रदेश में महिला उत्पीड़न की 55 हजार 301 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनमें से 47 हजार 319 (करीब 85 प्रतिशत) का निस्तारण हुआ था.
आयोग के जवाब के मुताबिक 15 मार्च 2012 को प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार बनने के बाद से इस साल 14 सितंबर तक के ढाई साल के कार्यकाल में महिला उत्पीड़न की कुल 78 हजार 483 शिकायतें प्राप्त हुई, जो मायावती सरकार के अंतिम ढाई साल के राज के मुकाबले 23 हजार 182 (करीब 42 प्रतिशत) ज्यादा हैं. प्राप्त शिकायतों में से 26 हजार सात (लगभग 33 फीसदी) का ही निस्तारण हुआ.
हिसाब लगायें तो मायावती राज में निस्तारित प्रकरणों के मुकाबले अखिलेश शासन में महिला उत्पीड़न की शिकायतों के निस्तारण में करीब 45 प्रतिशत की कमी आयी है.

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