मायावती पर उनके ही सांसद ने टिकट के लिए एक करोड़ रुपये मांगने का लगाया आरोप
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर उनके ही सांसद युगल किशोर ने पार्टी की टिकट के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया है. युगल किशोर ने आरोप लगाया है कि उनके पुत्र को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए मायावती ने एक करोड़ रुपये की मांग की है. हालांकि सांसद […]
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर उनके ही सांसद युगल किशोर ने पार्टी की टिकट के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया है. युगल किशोर ने आरोप लगाया है कि उनके पुत्र को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए मायावती ने एक करोड़ रुपये की मांग की है.
हालांकि सांसद के पास इसका कोई पुख्ता प्रमाण युगल किशोर ने पेश नहीं किया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के नेजा गौरव भटिया ने एबीपी न्यूज को बताया कि यह मामला काफी गंभीर है. अगर टिकट बंटवारे में खरीद फरोख्त का काम हो रहा है तो चुनाव आयोग को इसपर संज्ञान लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिन भी लोगों ने टिकट बंटवारे के लिए मायावती पर पैसे लेने का आरोप लगाया है, चुनाव आयोग उन्हें बुलाकर पुछताछ करे और फिर बसपा की मान्यता रद्द करे. गौरतलब है कि मायावती पर ऐसे आरोप पहले भी लगाये जाते रहे हैं. अभीतक किसी भी ऐसे मामले मेंमायावतीको दोषी नहीं पाया गया है.
इधर आज लखनऊ में अपने प्रवास के दूसरे दिन मायावती बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारियों व विधायकों के साथ बैठक करेंगी. बैठक में पार्टी सुप्रीमो मायावती के पहुंचने से अहम फैसले होने की उम्मीद जताई जा रही है. बैठक बसपा के राज्य मुख्यालय माल एवेन्यू में होगी.
वैसे तो इस बैठक को प्रतिमाह पार्टी संगठन की तैयारियों को लेकर होने वाली बैठक बताया जा रहा है, लेकिन इस बार बैठक में मायावती भी रहेंगी. बैठक में पार्टी के कोआर्डिनेटरों के साथ ही विधायकों को भी बुलाया गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक बसपा प्रमुख बूथ स्तर तक संगठन को मजबूती से खड़ा करने के कार्यों की समीक्षा करेंगी.
ऐसे में कार्य में ढिलाई बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. निष्क्रिय पदाधिकारियों को पद से हटाने के साथ ही सक्रिय लोगों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इस बैठक में राज्यसभा सांसद युगल किशोर से दिल्ली व बिहार राज्य की जिम्मेदारी वापस लेने की घोषणा भी की जा सकती है.
जिनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायतें हैं उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है. कयास लगाये जा रहे हैं कि पार्टी से निष्कासन की बातेंसामने आने के बाद ही युगल किशोर ने बगावती सुर अपनाने शुरू किये हैं. सवाल यह भी है कि बसपा की टिकट पर उनके बेटे 2012 में भी चुनाव लड़ चुके हैं. अगर उस समय भी उन्हें टिकट के लिए कीमत देनी पड़ी थी तो वे चुप क्यों थें.