घर वापसी की चर्चा के बीच जबरन धर्मपरिवर्तन का केस दर्ज

बागपत : एक ओर जहां देश में घर वापसी की खबरें चर्चा में हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के बागपत में एक व्यक्ति ने अपना तथा अपने परिवार के सदस्यों का जबरन धर्मांतरण कराये जाने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज करायी है. अलबत्ता पुलिस मामले को प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध मान रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2015 4:29 PM

बागपत : एक ओर जहां देश में घर वापसी की खबरें चर्चा में हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के बागपत में एक व्यक्ति ने अपना तथा अपने परिवार के सदस्यों का जबरन धर्मांतरण कराये जाने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज करायी है. अलबत्ता पुलिस मामले को प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध मान रही है. मामला उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का है.

बडौत के थानाध्यक्ष राजेश वर्मा ने आज यहां बताया कि दोघट क्षेत्र के गढ़ी कांगरान गांव निवासी शीशपाल ने कल थाने में दी गयी तहरीर में बागपत निवासी अबुल हसन तथा शामली जिले के रहने वाले असगर के खिलाफ पांच साल पहले उसका तथा उसके परिवार का जबरन धर्मांतरण कराये जाने का मुकदमा दर्ज कराया है.
उन्होंने बताया कि दर्ज रिपोर्ट के अनुसार करीब पांच साल पहले अबुल हसन तथा शामली निवासी चिकित्सक असगर ने उसे तथा उसके परिवार को बंधक बनाकर जबरन धर्मपरिवर्तन करा दिया और उसका नाम अब्दुल्ला, जबकि उसकी बेटी तनु (10) का नाम आयशा, बड़े बेटे मुकुल (15) का नाम सलमान और शिवम (13) का नाम समीर रख दिया था.
वर्मा ने बताया कि पाल का आरोप है कि धर्मांतरण के बाद आरोपियों ने उसे बेटी तनु के साथ खतौली के एक मदरसे में जबकि बेटे मुकुल को अजमेर और शिवम को पंचकुला के मदरसे में भेज दिया.
उन्होंने बताया कि पाल ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसका निकाह बिहार की रहने वाली रुबी नामक महिला से करा दिया जो अब भी उसके साथ रह रही है. उसके अनुसार कुछ दिन पहले वह मौका पाकर खतौली के मदरसे से अपनी बेटी के साथ भाग आया और अपने बेटों को भी उनके मदरसों से निकालकर बड़ौत लेकर आ गया.
थानाध्यक्ष के अनुसार तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है. हालांकि प्रथम दृष्ट्या मामला फर्जी लग रहा है. अगर पांच साल पहले जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया था तो अब तक कथित घटना के शिकार व्यक्ति के परिवार के किसी सदस्य या फिर किसी जानने वाले व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना क्यों नहीं दी.

Next Article

Exit mobile version