देश का पहला ”पेपरलेस विश्वविद्यालय” बनेगा अंबेडकर विश्वविद्यालय
लखनऊ: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बनने वाला है जिसका सारा कामकाज ‘आनलाइन’ होगा.विश्वविद्यालय के कुलपति आर.सी. सोबती ने बताया ‘हम देश के पहले पेपरलेस विश्वविद्यालय होंगे. अधिकांश प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्य आनलाइन किये जाएंगे.’ उन्होंने कहा इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है अैर दो साल में […]
लखनऊ: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बनने वाला है जिसका सारा कामकाज ‘आनलाइन’ होगा.विश्वविद्यालय के कुलपति आर.सी. सोबती ने बताया ‘हम देश के पहले पेपरलेस विश्वविद्यालय होंगे. अधिकांश प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्य आनलाइन किये जाएंगे.’
उन्होंने कहा इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है अैर दो साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा. अब छात्रों को आव्रजन और अस्थायी प्रमाणपत्र एवं मार्कशीट के लिए इधर उधर भागना नहीं पड़ेगा. यह सब आनलाइन उपलब्ध हो पाएगा.
सोबती ने बताया कि बायोमीट्रिक उपस्थिति और प्रशासनिक कार्य भी ऑनलाइन होगें. इससे शैक्षिक कार्यों में कागज का इस्तेमाल लगभग 50 फीसदी तक कम हो जाएगा. ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने के वित्तीय पहलू के बारे में सोबती ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अपने संसाधनों से इस कार्य के लिए धन की व्यवस्था की है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस कार्य में मदद करेगा.
छात्रों को ई-कंटेंट की उपलब्धता से न सिर्फ मदद मिलेगी बल्कि इससे शिक्षा के स्तर को भी उन्नत बनाया जा सकेगा. छात्रों द्वारा भरे जाने वाले विभिन्न फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आनलाइन उपलब्ध होंगे. कक्षाओं में पढ़ाई के बारे में कुलपति ने बताया कि यह बिना चाक और ब्लैकबोर्ड के होगा. स्मार्ट क्लासरुम विकसित किये जा रहे हैं. लेक्चर का माध्यम ‘ई-कंटेंट’ और ऑडियो विजुअल शिक्षण होगा. परिसर में ‘वाइफाइ’ की सुविधा भी मुहैया करायी जाएगी.
नयी व्यवस्था से माता पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी क्योंकि माता पिता को उनके बच्चों के बारे में मासिक आधार पर ब्यौरा ऑनलाइन भेजा जाएगा. यदि किसी छात्र की कोई शिकायत है तो एक ऑनलाइन पोर्टल पर वे संबद्ध अधिकारी या शिक्षक से ई-मेल के जरिए मिलने का समय ले सकेंगे.