देश के दो बड़े दल खराब कर रहे है सामाजिक हालात:आजम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कांग्रेस और भाजपा का नाम लिये बिना आरोप लगाया कि देश के दो बड़े राजनैतिक दल ध्रुवीकरण कर सामाजिक हालात को खराब करने का प्रयास कर रहे है और देश को पुन: वर्ष 1992 के दौर में ले जाना चाहते हैं. खां ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2013 7:23 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कांग्रेस और भाजपा का नाम लिये बिना आरोप लगाया कि देश के दो बड़े राजनैतिक दल ध्रुवीकरण कर सामाजिक हालात को खराब करने का प्रयास कर रहे है और देश को पुन: वर्ष 1992 के दौर में ले जाना चाहते हैं. खां ने आज यहां कुछ समाचार चैनलों से बातचीत में कहा, ‘‘देश के दो बड़े राजनैतिक दल ध्रुवीकरण कर सामाजिक हालात को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं और देश को पुन: वर्ष 1992 के दौर में ले जाना चाहते हैं. मगर इससे उन्हें कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.’’

खां ने राज्य लोकसेवा आयोग में त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था लागू किये जाने को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य स्तरीय सिविल सेवा में पिछले दो दशकों से अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों का समुचित संख्या में चयन न होने पर बेहद अफसोस का इजहार किया है. उन्होंने कहा कि इन दशकों में दर्जनों अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में वांछित अंक प्राप्त किये, लेकिन उनमें से ज्यादातर लोग साक्षात्कार में चयनित नहीं हुए.

खां ने कहा कि यही वजह है कि वर्तमान में एक भी ऐसा अधिकारी नहीं मिल पा रहा है जो अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलात का जानकार हो और उसमें दिलचस्पी रखता हो. उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण से जुड़े विभागों और संगठनों में तैनात किया जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण एक अलग मुद्दा है, लेकिन उच्च सेवाओं के लिए होने वाली लिखित परीक्षाओं में उच्च मेरिट प्राप्त करने के बाद भी इस समुदाय के उम्मीदवारों का चयन न होना एक बहुत गंभीर बात है, जिस पर सम्यक विचार कर स्थिति में तत्काल सुधार लाने की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में सुधार आने से ही शासन-प्रशासन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा और विकास व नवनिर्माण के कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ेगी. खां ने हैदराबाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री की कार पर हुए पथराव की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि यह बड़े शर्म की बात है और ऐसी घटनाओं से दो राज्यों के पारस्परिक संबंधों पर भी खराब प्रभाव पड़ता है. इस घटना के लिए दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.

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