…ताकि बेनूर न हो जाये मोहब्बत की निशानी ताजमहल

लखनऊ : हवा में घुलते धुएं के कारण अपनी मर्मरी रंगत खो रहे मुहब्बत की निशानी ताजमहल को बेनूर होने से बचाने के लिए आगरा प्रशासन ने खाना बनाने के वास्ते गोबर के कंडों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और वह चूड़ियां तथा पेठा बनाने के लिए कोयले के भी प्रयोग पर पाबंदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 12:40 PM

लखनऊ : हवा में घुलते धुएं के कारण अपनी मर्मरी रंगत खो रहे मुहब्बत की निशानी ताजमहल को बेनूर होने से बचाने के लिए आगरा प्रशासन ने खाना बनाने के वास्ते गोबर के कंडों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और वह चूड़ियां तथा पेठा बनाने के लिए कोयले के भी प्रयोग पर पाबंदी लगाने की योजना बना रहा है.

आगरा के मंडलायुक्त और ताज चतुर्भुज जोन के अध्यक्ष प्रदीप भटनागर ने बताया एक अमेरिकी पत्रिका में हाल में छपी एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि भूरे और काले कार्बन कणों के कारण ताजमहल का सफेद संगमरमर पीला पड़ रहा है. इसे गंभीरता से लेते हुए हमने शहर में खाना बनाने के लिए गोबर से बने कंडों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

हालांकि भटनागर ने माना कि कंडों के प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगा पाना काफी चुनौती भरा है. उन्होंने कहा कि यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किये गये ताजमहल की रंगत को बचाने के लिए जारी आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर नगर निगम अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जायेगा.

मण्डलायुक्त ने गोबर के कंडे जलाने पर पाबंदी लगने से गरीबों को होने वाली दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे उन्हें रसोई गैस कनेक्शन दिलाने के लिए विशेष शिविर लगायें.

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