दुर्गा के साथ आये आईएस अधिकारी,निलंबन वापस लेने की मांग

लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार पर दबाव बनाते हुए उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी अपनी उस महिला सहयोगी के साथ एकजुट हो गये हैं जिसे खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के बाद निलंबित किया गया है. आईएसएस अधिकारियों ने उसके निलंबन आदेश को वापस लेने की मांग की है. इस बीच, यह मुद्दा एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2013 11:27 AM

लखनऊ : अखिलेश यादव सरकार पर दबाव बनाते हुए उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी अपनी उस महिला सहयोगी के साथ एकजुट हो गये हैं जिसे खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के बाद निलंबित किया गया है. आईएसएस अधिकारियों ने उसके निलंबन आदेश को वापस लेने की मांग की है. इस बीच, यह मुद्दा एक बड़े विवाद में तब्दील हो गया है.

पंजाब काडर की 2009 बैच की आईएएस अधिकारी एवं गौतमबुद्ध नगर में उप जिलाधिकारी (एसडीएम) 28 वर्षीय दुर्गा शक्ति नागपाल को कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना एक मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के बाद निलंबित कर दिया गया था. दुर्गाशक्ति के निलम्बन के मुद्दे को लेकर आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लखनउ में कार्यवाहक मुख्य सचिव आलोक रंजन से मुलाकात की और उनके निलंबन को फौरन वापस लेने की मांग की. इस दौरान उनके साथ दुर्गाशक्ति भी मौजूद थीं.

रंजन ने मुलाकात के दौरान कहा कि वह मामले को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेंगलूर से लौटने के बाद उनके समक्ष रखेंगे. अखिलेश इस वक्त कर्नाटक में हैं. एसोसिएशन के महासचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने बताया कि रंजन के साथ बैठक में नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल को बिना नोटिस दिए निलम्बित किए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई को वापस लेने की मांग की गयी.

विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारुढ़ सपा सरकार शक्तिशाली रेत माफिया की शहर पर ईमानदार अधिकारियों को निशाना बना रही. दुर्गा ने उत्तर प्रदेश में खैरकानूनी खनन एवं रेत माफिया के खिलाफ कदम उठाये थे. राज्य में पहली बार तैनाती के महज 10 माह के भीतर उन्हें निलंबित किया गया है.

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा था कि वर्ष 2009 बैच की आईएएस अधिकारी और गौतम बुद्ध नगर (सदर) तहसील की उप जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को रबुपुरा थाना क्षेत्र के कादलपुर गांव में एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर अदूरदर्शी तरीके से हटवाने के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित होने पर 27 जुलाई की रात को निलम्बित कर दिया गया था.

प्रवक्ता ने बताया कि निलंबन के दौरान दुर्गा राजस्व बोर्ड से संबद्ध रहेंगी. उप्र सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री एवं सपा प्रमुख मुलायम सिंह के भाई शिवपाल सिंह यादव ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में दुर्गाशक्ति के निलम्बन के औचित्य संबंधी सवाल पर कहा ‘‘बिना जांच के हम कुछ नहीं कह सकते हैं. आरोपों की जांच के बाद ही पता चलेगा कि गलती किसकी है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.’’सपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि खनन माफिया के दबाव में निलंबन आदेश निकाला गया है.

भाजपा की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, ‘‘यह सरकार एक ओर जहां भ्रष्ट अधिकारियों को बचा रही है वहीं दूसरी ओर वह ईमानदार अधिकारियों को निशाने पर ले रही है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गा के मामले में राज्य सरकार इतनी जल्दबाजी में क्यों थी जबकि बुनियादी प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया.’’दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में फिर कैसे गुंडाराज कायम हो गया है जहां रेत माफिया के खिलाफ दृढ़ता से लड़कर अपना दायित्व निभाने वाली एक ईमानदार अधिकारी को दंडित किया गया है.’’

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में रेत माफिया सरकार चला रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में न केवल मौजूदा सरकार बल्कि पूर्व सरकार के तहत भी रेत माफिया चल रहा था. यह रेत माफिया मध्य प्रदेश में भी चल रहा है.’’ सिंह ने दावा किया, ‘‘रेत माफिया ही उप्र एवं मप्र में सरकारें चला रहा है.’’

Next Article

Exit mobile version