उत्तर प्रदेश में फरवरी में आयोजित होगा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह

लखनऊ : गुजरात में प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर ‘यूपी राइजिंग’ के पोस्टर हटाये जाने से नाराज यूपी सरकार ने पहली बार ‘उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय दिवस’ आयोजित करने की योजना बनायी है.इसका आयोजन अगले महीने यानी फरवरी में किया जाएगा. इसके जरिए निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ राज्य के विकास में प्रवासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2015 1:55 PM
लखनऊ : गुजरात में प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर ‘यूपी राइजिंग’ के पोस्टर हटाये जाने से नाराज यूपी सरकार ने पहली बार ‘उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय दिवस’ आयोजित करने की योजना बनायी है.इसका आयोजन अगले महीने यानी फरवरी में किया जाएगा.
इसके जरिए निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ राज्य के विकास में प्रवासी भारतीयों को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. राज्य सरकार के एनआरआइ विभाग के लिए सलाहकार मधुकर जेटली ने बताया ‘हम पहली बार राज्य में प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित करने जा रहे हैं. योजना के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय दिवस 28 फरवरी और एक मार्च को होगा.
इसमें अनिवासी भारतीयों के अलावा दुनिया भर के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पांच मेट्रो रेल परियोजनाओं सहित कई विकास परियोजनाएं शुरू की हैं. इनमें से एक मेट्रो परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के लिए है.
जेटली ने कहा ‘जब 2012 में समाजवादी पार्टी सरकार का गठन हुआ, उत्तर प्रदेश में पांच मेट्रो परियोजनाओं पर कार्य शुरू हुआ. वाराणसी, लखनऊ और आगरा सहित पांच शहरों की मेट्रो परियोजनाओं के लिए लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये निवेश की आवश्यकता होगी.’ उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए मई 2014 में पृथक एनआरआइ विभाग का गठन किया गया ताकि उत्तर प्रदेश में निवेश की प्रक्रिया में अनिवासी भारतीयों की मदद की जा सके.
जेटली ने कहा कि तारीखों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल होने वाले संभावित मेहमानों की सूची तैयार की जाएगी. उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान राज्य के उन क्षेत्रों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिनमें एनआरआइ निवेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा ‘राज्य की विकास दर 6.8 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों में निवेश पिछले दो साल के दौरान 20 हजार करोड़ रुपये रहा. हम उन देशों को लक्ष्य करेंगे, जहां मूल रूप से यूपी के लोगों की संख्या अधिक है क्योंकि यूपी से जुड़ाव होने की वजह से वे यहां आने के इच्छुक होंगे.’
अहमदाबाद में इस महीने की शुरुआत में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान प्रमुख जगहों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पोस्टर और विज्ञापन लगाये थे, जिनमें लोगों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया था. अहमदाबाद नगर निगम ने तकनीकी वजहों का हवाला देते हुए ‘यूपी राइजिंग’ के पोस्टर और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक चित्र नीचे उतार दिया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका विरोध भी किया था.

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