Babri Masjid Demolition Anniversary: आज के दिन को भला कौन भूल सकता है. आज 6 दिसंबर को एक ऐसी घटना हुई थी जो भारत के इतिहास में दर्ज हो गया. जी हां आपने सही सुना. आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी. जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. चलिए जानते हैं बाबरी मस्जिद के इतिहास के बारे में.
उत्तर प्रदेश की बाबरी मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक थी. जहीर उद-दीन मुहम्मद बाबर 1526 ई. में पानीपत के पहले युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंशज सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में एंट्री किया था.
इसके साथ ही बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना किया. और यहां एक बड़े पैमाने पर मस्जिदों का निर्माण कराना शुरू कर दिया था. इसी क्रम में बाबर ने पानीपत में पहली मस्जिद बनवाई थी, इसके दो साल बाद बाबर ने 1527 में अयोध्या में एक मस्जिद बनवाई, जो बाबरी मस्जिद के नाम से जानी जाती है. कहा जाता है कि इस मस्जिद को बनवाने के लिए बाबर ने एक ऐसी जगह चुनी थी जिसे हिंदू अपने अराध्य श्रीराम का भूमि मानते थे.
आज (6 दिसंबर) को बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी है. आज ही के दिन साल 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इस घटना के बाद से भारत के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. कई हजार लोग मारे गए थे और साथ ही देश को भारी नुकसान भी हुआ था. कई सालों तक यह मामला कोर्ट में चला. लेकिन आखिरकार कोर्ट का फैसला आने के बाद साल 2020 में राम मंदिर बनाने के लिए यहां खुदाई की गई. इस घटना को कभी भूलाया नहीं जा सकता है.
बता दें कि बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी पर अयोध्या और मथुरा में हाई अलर्ट घोषित करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस-प्रशासन ड्रोन से नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही अलग-अलग जगहों पर पुलिस बल तैनात भी कर दिए गए हैं.