लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन में कल प्रस्तुत राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण को जनहित से दूर, निराशाजनक और जनता की उम्मीदों पर कुठाराघात करने वाला करार दिया है. मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह राज्यपाल के हित में रहा कि वह अपने 152-पन्नों वाले अभिभाषण को सदन में पूरा नहीं पढ़ पाये.
नाईक सपा सरकार की गलतियों का शिकार हो उपहास का पात्र होने से बचे गये. इसके लिए उन्हें प्रतिपक्ष और भाजपा का भी आभारी होना चाहिए जिसके सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार के साथ साथ उन दिन पढे अभिभाषण को सदन में प्रस्तुत करने का भी विरोध किया.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तैयार कराये गये इस अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए नीति निर्धारण उल्लेख के बजाय, विभिन्न सरकारी विभागों की वार्षिक रिपोर्ट का केवल थोड़ा थोड़ा सारांश ही काफी अटपटे ढंग से रखा गया है, जिसको राज्यपाल सदन में अगर पूरा पढ़ते तो उपहास का पात्र हो जाते.
गौरतलब है कि राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन संयुक्त अधिवेशन में बसपा समेत पूरे विपक्ष के जोरदार हंगामें और विरोध के कारण राज्यपाल अपना अभिभाषण नहीं पढ़ सके. वह अभिभाषण की पहली और आखिरी पंक्ति पढ़कर सदन से चले गये थे.
मायावती ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में नीतिगत मामले का जिक्र नहीं है. कुल मिलाकर यही लगता है कि आने वाले वर्ष में भी प्रदेश की लगभग 20 करोड़ जनता को परेशानी , दिक्कतों और मुसीबतों में तनिक भी अच्छा बदलाव नहीं आने वाला है.