लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2015-16 के आम बजट पर तंज कसते हुए आज कहा कि जिनके पहले से ही ‘अच्छे दिन’ थे उनके और अच्छे दिन आ गये और जो लोग ऐसे दिनों की उम्मीद कर रहे थे उनका इंतजार कब खत्म होगा, यह सवाल और गहरा गया है. यहां साइकिल ट्रैक के उद्घाटन अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने एक सवाल पर कहा ‘‘मैं बजट पर कहना चाहूंगा कि जिनके पहले से ही अच्छे दिन थे उनके और अच्छे दिन हो गये, और जो लोग अच्छे दिनों की उम्मीद कर रहे थे उनके अच्छे दिन कब आएंगे यह बडा सवाल है.’’ अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के सभी सांसदों को प्रदेश की समस्याओं से रुबरु कराने के लिए पत्र लिखा है.
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रदेश के सभी सांसदों को पत्र लिखा है. प्रदेश की कई समस्याएं हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग से जुडे सवाल हैं. उनका मानना है कि प्रदेश के सांसद सवाल उठाएंगे। चूंकि अब बजट भी आ गया है तो चीजें सामने आ जाएंगी. लखनऊ तथा आगरा में पायलट परियोजना के रुप में बनाये गये साइकिल ट्रैक का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके निर्माण के लिये विशेषज्ञों के सुझावों को शामिल किया गया है. पूरी कोशिश की गयी है कि ट्रैक निर्माण के लिये कम से कम पेड काटे जाएं.
उन्होंने कहा कि अभी पायलट परियोजना के तौर पर लखनऊ तथा आगरा में साइकिल ट्रैक बनाये गये हैं. अगले दो साल में कई जगह ऐसे ट्रैक बनाए जाएंगे. अखिलेश ने कहा कि साइकिल को जन परिवहन का माध्यम बनाने के उपायों पर सरकार विचार कर रही है, क्योंकि अगर उचित सुविधाएं मिलेंगी तो लोग साइकिल जरुर चलाएंगे. भविष्य में किन-किन स्थानों पर साइकिल ट्रैक बनेंगे के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि वह तो चम्बल नदी के किनारे भी ट्रैक बनाना चाहेंगे, क्योंकि चम्बल जैसी साफ नदी और उसके किनारे घडियाल तथा अन्य कुदरती चीजें पर्यटकों को आकर्षित करेंगी.
इस मौके पर मौजूद राज्य के लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यातायात की दिक्कतें दूर करने और स्वास्थ्य ठीक रखने के लिये साइकिल चलाना जरुरी है. उन्होंने कहा कि साइकिल भले ही महंगी हो गयी हो लेकिन आज भी इसमें पेट्रोल डीजल से कम खर्च है. साइकिल चलाने से व्यक्ति स्वस्थ भी रहता है. केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय राजमार्गो के रखरखाव में असहयोग का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा ‘‘राष्ट्रीय राजमार्गो के रखरखाव के लिये हमने केंद्र से 200 करोड रपये मांगे थे लेकिन सिर्फ 14 करोड रपये ही मिले हैं. अब इतने कम धन में राजमार्गो का रखरखाव कैसे होगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले लोगों को मालूम नहीं हो पाता था कि वे जिस मार्ग पर चल रहे हैं, वह राष्ट्रीय राजमार्ग है या राज्यमार्ग. अब हमने राजमार्गो पर जगह-जगह बोर्ड लगवाए हैं ताकि लोगों को पता लग सके.’’ यादव ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गो की हालत खराब है और इस मुद्दे को उन्होंने केंद्रीय सडक एवं भूतल मंत्री नितिन गडकरी के सामने भी उठाया था जब वह उत्तर प्रदेश आए थे.