मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में उठेगा ‘घर वापसी’ का मुद्दा

लखनऊ : तथाकथित हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाये जा रहे ‘घर वापसी’ कार्यक्रम से मुस्लिम संगठन सकते में है. यह मुद्दा आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की आगामी बैठक में उठ सकता है. जयपुर में 20 मार्च से होने वाली तीन दिवसीय बैठक में ‘घर वापसी’ का मुद्दा गरमा सकता है. बोर्ड के महासचिव मौलाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2015 12:20 PM

लखनऊ : तथाकथित हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाये जा रहे ‘घर वापसी’ कार्यक्रम से मुस्लिम संगठन सकते में है. यह मुद्दा आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की आगामी बैठक में उठ सकता है. जयपुर में 20 मार्च से होने वाली तीन दिवसीय बैठक में ‘घर वापसी’ का मुद्दा गरमा सकता है. बोर्ड के महासचिव मौलाना निजामुद्दीन ने बताया कि खुद को हिन्दूवादी कहने वाले संगठनों द्वारा ‘घर वापसी’ के नाम पर एक समुदाय के खिलाफ पैदा किये जा रहे अविश्वास और सभी जमातों और बोर्ड अपना नजरिया पहले ही साफ कर चुके हैं लेकिन जयपुर में अगली 20 मार्च से शुरु हो रही बोर्ड की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा.

उन्होंने कहा ‘‘हालांकि धर्मान्तरण का मामला हमारी बैठक के मुख्य एजेंडे में नहीं है लेकिन बैठक में उसे उठाया जरुर जाएगा.’’ निजामुद्दीन ने कहा ‘‘घर वापसी जैसी मुहिम चलाने से पहले यह सोचना जाना चाहिये कि इससे मुल्क की तरक्की होगी, या वह बरबाद होगा। इस घर वापसी का क्या मतलब है. कल आप ईसाइयों से कहेंगे कि हिन्दू हो जाओ. अगले दिन आप मुसलमानों से कहेंगे कि हिन्दू हो जाओ. यह क्या कोई मजाक है. यह तो एक पूरे समुदाय की बेइज्जती करने जैसी बात हुई.’’ उन्होंने कहा ‘‘हिन्दुस्तान तबीयतन एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा है जहां सभी समुदाय सदियों से आपसी मुहब्बत से एक साथ रह रहे हैं. मुल्क में मुसलमानों के खिलाफ एक मुहिम चलायी जा रही है. हालांकि हमने इस मुद्दे को बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं किया है लेकिन अगर इस बारे में कोई सवाल उठता है तो बोर्ड उसका जवाब जरुर देगा.’’

सभी भारतीयों के हिन्दू होने सम्बन्धी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बयान पर मौलाना निजामुद्दीन ने कहा ‘‘वह जो कहते हैं, उन्हें कहने दीजिये। क्या अगर कोई शख्स दिन को रात कहे और रात को दिन कहे तो क्या आप मान लेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोचना चाहिये कि जब उनके ही लोग इस तरह की बातें करेंगे तो उसका क्या असर होगा.’’ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड महासचिव ने कहा ‘‘मैं तो सोचता हूं कि आखिर प्रधानमंत्री का सबका साथ, सबका विकास का नारा कैसे अमल में आएगा. अगर नफरत फैलाने वाली बातें होंगी तो यह नारा बेमतलब साबित होगा.’’

उन्होंने कहा ‘‘क्या मुसलमानों को हिन्दू कहने से वे हिन्दू हो जाएंगे. जो लोग सनातनधर्मी हैं उन्हें खुद को हिन्दू कहना चाहिये. अरब में हिन्दुस्तानी लोगों को हिन्दू नहीं बल्कि हिन्दी कहा जाता है. हम कहते हैं कि हम हिन्दुस्तानी हैं लेकिन हमारा मजहब इस्लाम है.’’ मौलाना निजामुद्दीन ने कहा कि ऐसे वक्त में जब मुल्क के सामने गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा जैसे गम्भीर मसले खडे हैं, इस तरह का मिथ्याप्रचार और फुजूल की बातों की कोई जरुरत नहीं है. बोर्ड की बैठक के मुख्य एजेंडा में शामिल मुद्दों के बारे में उन्होंने बताया कि इस बार एजेंडा में निकाह और तलाक के अलावा अदालतों में मुस्लिम लोगों के मुकदमों के लम्बित होने के मुद्दे खासतौर पर शामिल किये गये हैं.

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