विहिप की परिक्रमा यात्रा सरकार को मंजूर नहीं

!!राजेन्द्र कुमार!! लखनऊलखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सूबे में फिर राजनीति होने लगी है. इसके तहत जहां विश्व हिन्दु परिषद (विहिप) ने आगामी 25 अगस्त से अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा निकालने के लिए सरकार से प्रशासनिक सहयोग देने का आग्रह कर रहे हैं . वही सूबे के अखिलेश सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2013 6:54 PM

!!राजेन्द्र कुमार!!
लखनऊ

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सूबे में फिर राजनीति होने लगी है. इसके तहत जहां विश्व हिन्दु परिषद (विहिप) ने आगामी 25 अगस्त से अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा निकालने के लिए सरकार से प्रशासनिक सहयोग देने का आग्रह कर रहे हैं . वही सूबे के अखिलेश सरकार ने विहिप इस 84 कोसी परिक्रमा यात्रा को अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की आड़ लेकर सरकार ने यह फैसला किया है.

राज्य के डीजीपी देवराज नागर का कहना है कि इस यात्रा से सूबे की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी, क्योंकि यह विहिप की राजनीतिक परिक्रमा यात्रा है. ऐसे में जिन छह जिलों से यह परिक्रमा यात्रा गुजरती वहां की कानून व्यवस्था पर इसका असर पड़ता. वैसे भी अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा इस वर्ष 25 अप्रैल को हो चुकी है. ऐसे में सरकार ने 25 अगस्त से 13 सितंबर तक विहिप को 84 कोसी परिक्रमा यात्रा शुरू करने की अनुमति देकर नयी धार्मिक परम्परा ना डालने का निर्णय लिया.

इस परिक्रमा यात्रा को शुरू करने की अनुमति हासिल करने के लिए विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल अयोध्या के साधु संतों के साथ गत शनिवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले थे. इन दोनों ने अशोक सिंघल की मांगों को सुना पर उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को मुलायम सिंह यादव का अशोक सिंहल से मिलना ठीक नहीं लगा और उन्होंने सोमवार को इस पर नाराजगी जताई.

वही दूसरी तरफ राज्य के प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने देर शाम सरकार के इस निर्णय को लेकर पत्रकारों को बताया कि विहिप द्वारा बीती दस अगस्त को एक पत्र के जरिए अयोध्या में आगामी 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक 84 कोसी परिक्रमा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी. प्रमुख सचिव गृह के अनुसार परम्परागत रूप से अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा से लेकर बैसाख पूर्णिमा तक आयोजित की जाती है. इस वर्ष भी परम्परागत रूप से होने वाली 84 कोसी परिक्रमा 25 अप्रैल से 20 मई तक आयोजित हुई थी. लेकिन विहिप ने सरकार को अपना जो कार्यक्रम दिया था, उससे स्पष्ट है कि वह अयोध्या में नयी धार्मिक परम्परा की शुरूआत करने जा रहा है.

सरकार को विहिप का यह कार्यक्रम मंजूर नहीं है क्योंकि अयोध्या के रामजन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे. ऐसे में 84 कोसी परिक्रमा की अनुमति देना सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुक्रम में उचित नहीं होता. वैसे भी विहिप ने अपने पत्र में लिखा था कि 84 कोसी परिक्रमा यात्रा का आयोजन ‍अयोध्या के विवादित परिसर में भगवान राम का मंदिर बनाने की मांग को लेकर किया जा रहा है. प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि विहिप की इस मांग पर अयोध्या, फैजाबाद, बाराबंकी, गोण्डा, बहराइच, अम्बेडकरनगर तथा बस्ती के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों की राय ली गई. विहिप की प्रस्तावित परिक्रमा यात्रा को इन जिलों से गुजरना था. इन सभी जिलों के अफसरों ने अपने-अपने जिलों में ऐसी किसी यात्रा को निकालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है. जिसके बाद सरकार ने विहिप की परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय लिया. प्रमुख सचिव ने कहा है कि सरकार अपने निर्णय को कठोरता से लागू करेगी. अब कहा जा रहा है कि सरकार के इस निर्णय के खिलाफ विहिप और भाजपा विरोध करेगी.

विहिप के नेता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधेंगे. जिस कारण ठंडे बस्ते में पड़ा अयोध्या मंदिर प्रकरण फिर गरमाएगा क्योंकि सपा और भाजपा के नेता दोनों ही इस मामले में हिन्दु और मुसलमानों के बीच अपने पक्ष को सही साबित करने में जुटेंगे. विहिप प्रवक्ता ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना की है. उनका कहना है कि सरकार ने मुस्लिम संगठनों को खुश करने के लिए यह निर्णय लिया है.

Next Article

Exit mobile version