सोलर इंपल्स-2 वाराणसी से म्यामां के लिए रवाना
लखनऊ : विश्व का एकमात्र ईंधनरहित विमान ‘सोलर इंपल्स-2’ (एसआइ-2) अहमदाबाद से 15 घंटे की यात्रा पूरी कर बुधवार रात वाराणसी पहुंचा. गंगा आरती का विहंगम दृश्य देखने के बाद विमान यहां से 30 किलोमीटर दूर बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा.यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, […]
लखनऊ : विश्व का एकमात्र ईंधनरहित विमान ‘सोलर इंपल्स-2’ (एसआइ-2) अहमदाबाद से 15 घंटे की यात्रा पूरी कर बुधवार रात वाराणसी पहुंचा. गंगा आरती का विहंगम दृश्य देखने के बाद विमान यहां से 30 किलोमीटर दूर बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा.यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, भारतीय मेजबान आदित्य बिरला ग्रुप ने उसका भव्य स्वागत किया. एसआई-2 यहां से गुरूवार सुबह म्यामां के मांडले के लिए रवाना हुआ.
‘बिना ईंधन’ एवं सौर उर्जा से चलने वाले दुनिया के एकमात्र विमान ‘सोलर इंपल्स-2’ ने वाराणसी में रातभर रुकने के बाद आज म्यामां के लिए उडान भरी. इसके साथ ही विश्व की यात्रा पर निकले इस विमान की भारत की एक सप्ताह लंबी यात्रा समाप्त हो गई. विमान ने सुबह करीब पांच बजकर 22 मिनट पर वाराणसी हवाईअड्डे से उडान भरी. इस विमान को सह पायलट एवं परियोजना के अध्यक्ष बरट्रांड पिकार्ड उडा रहे हैं. विमान वाराणसी में करीब आठ घंटे रुका.
विमान 10 मार्च को अहमदाबाद पहुंचा था
अहमदाबाद में विमान और उसके चालक दल के सदस्य एक सप्ताह के लिए रुके थे. विमान ने वाराणसी के लिए उडान भरते समय करीब 5,200 मीटर की न्यूनतम उंचाई बनाए रखी. विमान 10 मार्च को अहमदाबाद पहुंचा था. इसने नौ मार्च को आबू धाबी से यात्रा शुरु की थी. स्विट्जरलैंड के सह पायलट पिकार्ड विमान को मस्कट से अहमदाबाद लेकर आए थे जबकि बोर्शबर्ग इसे अहमदाबाद से वाराणसी लाए. ऐसा दावा किया जा रहा है कि सोलर इम्पल्स ईंधन की एक बूंद का भी इस्तेमाल किए बिना केवल सौर उर्जा से दिन और रात में उडान भरने वाला पहला विमान है. एसआई-2 म्यामां के मांडले से चीन के चोंगछिंग एवं नानचिंग और फिर अमेरिका के लिए उडान भरेगा.
लालफीताशाही से सामना
सीमा शुल्क और आव्रजन संबंधी मंजूरी के लिए एसआइ-2 की टीम को लालफीताशाही का सामना करना पड़ा और विमान की उड़ान में विलंब हुआ. स्विट्जरलैंड के पायलट बरट्रांड पिकार्ड ने ने कहा, ‘देरी की वजह प्रशासन, उसके दस्तावेज, उसके मुहर हैं. मैं किसी को दोषी ठहराने के लिए नहीं आया. बस, इतना कहना चाहता हूं कि पांच दिन से हम मंजूरी की कोशिश कर रहे हैं. हर दिन वे (संबंधित प्राधिकरण) कहते हैं कि कल काम होगा और हर कल को कल पर टाला जाता है.’ विदेशी विमान को उड़ान भरने देने के लिए परिवहन संबंधी मंजूरी देने का नियम है. सीमा शुल्क विभाग परिवहन इस मामले में संबंधित मंजूरी देने में नाकाम रहा है.