मायावती से असंतुष्ट लोग बसपा छोड नयी पार्टी बनाने की फिराक में
नयी दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी में तो आंतरिक कलह का दौर जारी है, यहां यूपी में भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को अब उसके ही पुराने साथी कमजोर करने की फिराक में लग गए हैं. बसपा के संस्थापक कांशी राम के परिवार वाले और मायावती के विरोधी 2017 में उत्तर प्रदेश में होने […]
नयी दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी में तो आंतरिक कलह का दौर जारी है, यहां यूपी में भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को अब उसके ही पुराने साथी कमजोर करने की फिराक में लग गए हैं. बसपा के संस्थापक कांशी राम के परिवार वाले और मायावती के विरोधी 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नयी पार्टी बनाने की तरफ कदम बढा रहे हैं.
काफी समय से मायावती के विरोध में बहुजन संघर्ष पार्टी (कांशीराम) चला रहे कांशीराम के छोटे भाई दलबारा सिंह को अब अपने भाई के करीबी रहे उन नेताओं का साथ मिल गया है जिन्हें मायावती ने हाल में पार्टी से निकाला था.
दलबारा सिंह ने कहा कि समय बदल रहा है. कांशी राम के मिशन और उनके दिखाये रास्ते से मायावती किस तरह भटक गई हैं, ये बातें मैं लोगों को बता रहा हूं. अब तो मायावती द्वारा बसपा से निकाले गए नेता भी हमारे साथ आ गए हैं और जनता तक पार्टी (बसपा) की सच्चाई को जनता के सामने रख रहे हैं.
सिंह ने कहा, साल 2017 के विधानसभा चुनावों में मायावती को शिकस्त देना हमारा मकसद है. हम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पूरी ताकत से चुनाव लडेंगे.
हाल में बसपा से निकाले जाने के बाद सामाजिक परिवर्तन मंच बनाने वाले बसपा सरकार के पूर्व मंत्री दददू प्रसाद ने कहा कि कांशीराम ने अपने भाषणों में कहा था कि बसपा को बनाना आसान है लेकिन बहुजन समाज का निर्माण कठिन है. हमारा मुख्य उद्देश्य दलितों और वंचितों को एकजुट करके बहुजन समाज को बनाना है.
गौरतलब है कि गत 15 मार्च को कांशीराम की 81वीं जयंती पर दलबारा सिंह और दददू प्रसाद ने एक कार्यक्रम में मंच साझा किया था.