लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में शांति स्थापित करने और अशांति फैलाने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी.ये मानवरहित यान हवाई फोटो लेने के लिए प्रदेश के कई संवेदनशील हिस्सों में पहले ही इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन पहली बार इसका इस्तेमाल अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किया जायेगा.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव ने बताया कि हमने पांच ड्रोन कैमरे खरीदे हैं जो दो किलो तक का वजन उठा सकते हैं. इनके जरिये अनियंत्रित भीड़ पर मिर्च पाउडर छिड़का जा सकता है.उन्होंने कहा कि शहर में ड्रोन कैमरा उस वक्त आया था, जब जिला प्रशासन ने पिछले साल मोहर्रम के दौरान इसे लगाया था. लखनऊ महोत्सव और गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भी इनका इस्तेमाल किया गया था.
यादव ने कहा कि हमने ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया है और वे इतने प्रभावी हैं कि हमने उन्हें किराये पर लेने की बजाय खरीदने का फैसला किया है. हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल पूरे शहर में किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस देश की संभवत: पहली पुलिस होगी, जिसके पास यह हाई टेक निगरानी उपकरण होगा. ड्रोन ना सिर्फ अपराध रोकने में मदद करेंगे बल्कि अपराधियों पर भी नजर रखेंगे. ड्रोन या तो जमीन पर किसी पायलट द्वारा नियंत्रित होते हैं या फिर उन्हें पहले से तय प्रोग्राम के तहत किसी मिशन पर भेजा जाता है. यादव ने कहा कि ड्रोन की कीमत छह लाख रुपये तक हो सकती है. यह एक किलोमीटर की परिधि में 600 मीटर तक उड़ सकता है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस महीने ड्रोन निगरानी प्रणाली का औपचारिक उद्घाटन करेंगे.
यादव ने कहा कि हॉलीवुड की कई फिल्मों में ड्रोन का इस्तेमाल होते देखा गया है. कोई हैरत की बात नहीं कि कुछ सिने स्टारों ने शहर में इस प्रणाली के शुरु होने में दिलचस्पी ली हो और इसकी शुरुआत के मौके पर वे संभवत: मौजूद भी रहें.